आईएफएफआई में देश के सभी क्षेत्रों से आने वाली प्रतिभाओं, फिल्मों और रचनात्मकता को शामिल करने का किया है प्रयास : मनोज जोशी
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- Nov 21, 2024
नई दिल्ली, 21 नवंबर (हि.स.)। गोवा में चल रहे अतंरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के दूसरे दिन भारतीय पैनोरमा जूरी ने भारतीय सिनेमा में आगामी रुझानों को दुनिया के सामने प्रदर्शित करने के प्रयासों पर प्रकाश डाला। गुरुवार को आईएफएफआई 2024 में भारतीय पैनोरमा के फीचर फिल्म खंड के जूरी सदस्यों ने कहा कि 384 फिल्मों में से 20 भारतीय फिल्मों का चयन करना एक मुश्किल काम था।
संवाददाता सम्मेलन में भारतीय पैनोरमा के लिए चयन की प्रक्रिया पर अपने दृष्टिकोण साझा करते हुए, प्रख्यात फिल्म निर्माता हिमांशु शेखर खटुआ ने बताया कि जूरी सदस्यों के लिए यह एक कठिन काम था, क्योंकि वे सभी देश के विभिन्न हिस्सों से आए थे। जूरी ने यह सुनिश्चित किया कि इसमें सभी क्षेत्रों को उचित प्रतिनिधित्व मिले। 13 जूरी के पैनल ने खंड में सर्वश्रेष्ठ 25 फिल्मों का फैसला करने के लिए 42 दिनों तक विचार-विमर्श किया। खटुआ ने आगे कहा कि गोवा एक पसंदीदा शूटिंग स्थान बन गया है और यह दर्शाता है कि फिल्म निर्माताओं को गोवा में शूटिंग के दौरान सभी आवश्यक मदद मिलती है।
जूरी सदस्य रत्नोत्तम सेनगुप्ता ने कहा कि आईएफएफआई 2024 में भारतीय पैनोरमा फिल्में भारत की विविधता को पेश करती हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि यह महोत्सव केवल 10 दिनों तक चलता है लेकिन इसके कई खंड हैं, जो फिल्मों की एक विस्तृत विविधता और श्रेणियों को प्रदर्शित करते हैं। जूरी सदस्य आशु त्रिखा ने कहा कि सिनेमा अपने आप में एक धर्म है। इसका चयन बहुत बारीकी से किया गया है। उन्होंने कहा कि विशेष प्रभाव और डिजिटल प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल और ऐसे सभी खंडों में भारतीय सिनेमा नए मानक स्थापित कर रहा है और विश्व मानकों के अनुरूप है। जूरी सदस्य प्रिया कृष्णास्वामी ने आज भारतीय सिनेमा में मौजूद विषयगत अंतर्धाराओं की प्रशंसा की।
उल्लेखनीय है कि भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के एक प्रमुख खंड भारतीय पैनोरमा में 25 फीचर फिल्में और 20 गैर-फीचर फिल्में हैं, जिन्हें आईएफएफआई के 55वें संस्करण में प्रदर्शित किया जाएगा। मुख्यधारा सिनेमा से 5 फिल्मों सहित 25 फीचर फिल्मों के पैकेज को 384 समकालीन भारतीय फीचर फिल्मों के व्यापक स्पेक्ट्रम से चुना गया है। भारतीय पैनोरमा 2024 की शुरुआती फिल्म के लिए जूरी की पसंद स्वातंत्र्य वीर सावरकर (हिंदी) है, जिसका निर्देशन रणदीप हुड्डा ने किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी