कृषि वैज्ञानिकों ने कहा, आईपीएम अपनायें किसान, इससे होंगे कई फायदे, कई राज्यों के विशेषज्ञों ने लिया प्रशिक्षण

लखनऊ, 09 अगस्त (हि.स.)। किसानों द्वारा फसलों को कीट एवं

बीमारियों से बचाने के लिए रासायनिक कीटनाशकों का अनुचित एवं

अंधाधुंध उपयोग किया जा रहा है। परिणामस्वरूप कैंसर जैसी तमाम बीमारियों का सामना

करना पड़ रहा है। इससे अंतरराष्ट्रीयबाज़ारों में भारत से विभिन्न कृषि

उत्पादों के निर्यात में बाधा उत्पन्न हो

रही है।

ये

बातें रीजनल सेंट्रल आईपीएम सेंटर के प्रभारी एवं संयुक्त निदेशक डा. जी.पी. सिंह ने

कही। भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण

मंत्रालय के अंतर्गत वनस्पति संरक्षण, संगरोध

एवं संग्रह निदेशालय के उप कार्यालय क्षेत्रीय केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन

केंद्र, जैविक भवन में इंटीग्रेटेड पेस्ट

मैनेजमेंट (आई.पी.एम.) पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रमके समापन अवसर

पर बोल रहे थे। इसमें कृषि वैज्ञानिकों ने आईपीएम को अपनाने पर जोर दिया। इस अवसर पर

विभिन्न राज्यों से कृषि विशेषज्ञों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।

उन्होने कहा कि भारत सरकार के विभिन्न संस्थानों

द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रायः यह परिलक्षित हुआ है कि रासायनिक कीटनाशक

अवशेष की मात्रा कृषि उत्पादों में तीव्र गति से बढ़ रहा है, जिसकी वजह से अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों में भारत से विभिन्न कृषि

उत्पादों के निर्यात में बाधा उत्पन्न हो रही है। डा सिंह ने कहा कि रासायनिक कीटनाशकों का अनुचित प्रयोग हर किसी के स्वास्थ्य के साथ-साथ पर्यावरण के लिए बेहद नुकसानदेह हैI इसलिए राज्य कृषि रक्षा विभाग के

अधिकारियों को प्रशिक्षित करने हेतु आई पी एम पर

पाँच दिवसीय प्रशिक्षणकार्यक्रम

का आयोजन किया गया I

उन्होंने

यह भी कहा कि आई.पी.एम. अपनाकर उत्पादन कियेगए कृषि उत्पादों में रासायनिक कीटनाशक के

अवशेष नहीं पाए जाते हैं। परिणामस्वरूप कृषि उत्पादों के निर्यात

में सहायता मिलती है, जो कि किसानों की आय दोगुनी करने में एक

महत्वपूर्ण विकल्प साबित हो रहा है I

कार्यक्रम

में उपस्थित बतौर मुख्य अतिथि डा.

जितेंद्र कुमार तोमर, कृषि निदेशक, उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न जनपदों से आये हुए राज्य कृषि रक्षा

विभाग के अधिकारियों से कहा कि आई.पी.एम. को बढ़ावा दें। परिणामस्वरूप कम लागत के साथ

गुणवत्तायुक्त कृषि उत्पाद प्राप्त करें I उन्होने

कहा कि प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत

सभी अधिकारी मास्टर ट्रेनर हो गए हैं और बतौर प्रसार कार्यकर्ता सभी तकनीकी

अधिकारी किसानों के मध्य इंटीग्रेटेड पेस्ट मैनेजमेंट (आई.पी.एम.) के प्रति

जागरूकता पैदा करें तथा आई.पी.एम अपनाने

हेतु किसानों को प्रेरित करेंI उन्होने

सभी प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि इस

केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत

अपने जनपद में कम से कम एक गाँव ‘आई

पी एम गाँव’ के रूप में विकसित करें I

कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट

अतिथि उपस्थित डा. सुनीता पांडेय, संयुक्त

निदेशक, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत

सरकार ने अपने सम्बोधन में कहा कि बगैर रसायन के उत्पादित कृषि उत्पादों का

राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अधिक मूल्य प्राप्त

होता है I कार्यक्रम में अनिल कुमार सागर, उप

कृषि निदेशक (कृषि रक्षा),

शैलेश कुमार एवं

अमित कुमार सिंह, वनस्पति संरक्षण अधिकारी तथा

आर.सी.आई.पी.एम.सी., लखनऊ के समस्त पदाधिकारी उपस्थित रहे I

हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र नाथ राय / बृजनंदन यादव

   

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