उत्तरकाशी : सरकारी संपत्ति पर सरकारी कर्मचारी की नजर, आकाशवाणी की कॉलोनी में अवैध कब्जा

- प्रसार भारती के उत्तराखंड क्लस्टर प्रमुख ने आकाशवाणी कर्मचारी के विरुद्ध दर्ज कराई एफआईआर

देहरादून, 31 जुलाई (हि.स.)। सूचना, शिक्षा और मनोरंजन को सीमांत जनपद उत्तरकाशी में भारत सरकार ने आकाशवाणी केंद्र की स्थापना की थी। कुछ माह पूर्व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तरकाशी में एफएम सेवा का उद्धघाटन किया था। आकाशवाणी का परिसर अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में गिना जाता है, लेकिन उत्तरकाशी में आकाशवाणी की कॉलोनी जो अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए बनाई गई है उस पर बाहरी लोगों और विभाग के ही एक कर्मचारी ने अवैध कब्जा किया हुआ है। इस संबंध में प्रसार भारती उत्तराखंड के क्लस्टर प्रमुख अशोक कुमार ने बुधवार को नेहरू कॉलोनी थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

एफआईआर के अनुसार वर्ष 2012 में उत्तरकाशी में आई आपदा के बाद आकाशवाणी कॉलोनी लदाडी उत्तरकाशी में अन्य अवैध कब्जाधारियों में से एक विभागीय कर्मचारी मदनलाल ने आवंटित आवास के अलावा एक अन्य आवास पर कब्जा किया हुआ है और परिसर में अवैध निर्माण कर गाय पालन का कार्य किया जा रहा है। इस पर कार्रवाई करते हुए उनका आवंटन विभाग ने निरस्त कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार मदनलाल ने फर्जी हस्ताक्षर एवं कार्यालय की मोहर का दुरुपयोग करते हुए जल संस्थान उत्तरकाशी में अपने नाम से जल संयोजन के लिए आवेदन में फर्जी अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी कर दिया। उक्त फर्जीवाड़ा का संज्ञान लेते हुए क्लस्टर कार्यालय दूरदर्शन ने जालसाजी एवं आवास हड़पने का षड्यंत्र मानते हुए उनके विरुद्ध नेहरू कॉलोनी थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई है।

इस संबंध में प्रसार भारती उत्तराखंड के कलस्टर प्रमुख अशोक कुमार ने बताया कि अभी विभागीय कर्मचारी मदनलाल के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई कर उनका आवंटन रद्द कर उनके विरुद्ध थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। शीघ्र ही अन्य कब्जाधारियों जिनमें नेत्री विद्वान स्वराज भी शामिल है, के विरुद्ध भी कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रसार भारती की ओर से जिलाधिकारी उत्तरकाशी को भी इन अवैध कब्जों के बारे में सूचित किया जा चुका है।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह

   

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