कुपोषण से बचाव और प्रतिरोधक क्षमता के लिए आहार में करें मशरूम शामिल : डॉ दुबे
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- Sep 01, 2025

रांची, 1 सितंबर (हि.स.)। बिरसा कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू) के कुलपति डॉ एससी दुबे ने कहा है पौष्टिकता और औषधीय गुणों से भरपूर मशरूम झारखंड के किसानों के लिए रोजगार सृजन और आय का एक महत्वपूर्ण अतिरिक्त स्रोत हो सकता है।
उन्होंने कहा कि यहां जलवायु विविधता के कारण लगभग सालों भर इसका उत्पादन किया जा सकता हैI दैनिक आहार में इसे शामिल कर कुपोषण से बचा जा सकता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि की जा सकती हैI
डॉ दुबे सोमवार को कृषि महाविद्यालय सभाकक्ष में मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित कर रहे थेI
कैंसररोधी और लिवर के लिए लाभकारी
कुलपति ने कहा कि मशरूम में 90 प्रतिशत अंश पानी और 10 प्रतिशत अंश सूखा पदार्थ रहता हैI कैंसररोधी, लिवर और तंत्रिका-सुरक्षात्मक, एंटीवायरल, जीवाणुरोधी, मधुमेहरोधी जैसे कई गुणों से भरपूर मशरूम विटामिन बी और विटामिन डी का महत्वपूर्ण स्रोत है। इसे खाने से कोलेस्ट्रोल नियंत्रण में रहता है और हार्ट हेल्दी रहता हैI
बटन मशरूम पर आयोजित प्रशिक्षण में दो बैच में कुल 38 किसान और उद्यमी शामिल थे, जिनमें झारखंड के विभिन्न जिलों के 36 तथा बिहार के दो लोग थे I उन्हें कम्पोस्ट बनाने की विधि, बिजाई, केसिंग और बटन मशरूम उत्पादन की सम्पूर्ण तकनीकी जानकारी दी गयी एवं उन्होंने खुद सारी प्रक्रिया करके व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त कियाI
कृषि संकाय के डीन डॉ डीके शाही ने किसानों, गृहणियों और छोटे उद्यमियों से व्यावसायिक मशरूम उत्पादन के लिए आगे आने का आह्वान कियाI पौधा रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ एचसी लाल ने स्वागत भाषण दियाI
इस अवसर पर विभाग से डॉ सविता एक्का, डॉ लाम डोरजी, मुनि प्रसाद सहित अन्य उपस्थित थेI
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हिन्दुस्थान समाचार / Vinod Pathak



