भारत को क्वांटम कंप्यूटिंग क्षमता का उपयोग करने के लिए बहु-आयामी दृष्टिकोण की जरूरत: नीति आयोग शोध पत्र

नई दिल्ली, 05 मार्च (हि.स.)। नीति आयोग ने फ्रंटियर टेक हब बनाने की घोषणा करने के साथ “क्वांटम कंप्यूटिंग: राष्ट्रीय सुरक्षा पर प्रभाव और रणनीतिक तैयारी” पर एक पेपर जारी किया है।

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम ने बुधवार को नई दिल्‍ली में यह शोध पत्र जारी किया। इसमें यह कहा गया है कि क्वांटम कंप्यूटिंग द्वारा उत्पन्न अवसरों और खतरों से निपटने के लिए एक रणनीतिक ढांचा जरूरी है। इस शोध पत्र में कहा गया है कि क्वांटम कंप्यूटिंग के समय में राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत को बहुआयामी दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है।

नीति फ्रंटियर टेक हब (नीति-एफटीएच) ने ‘डेटा सिक्योरिटी काउंसिल ऑफ इंडिया’ के साथ साझेदारी में शोध पत्र जारी किया है। इसमें क्वांटम कंप्यूटिंग के तेजी से विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा पर इसके प्रभाव आदि का उल्लेख किया गया है। साथ ही उभरती प्रौद्योगिकियों को तेजी से अपनाने के लिए द्विपक्षीय भागीदारी भी करनी होगी।

आयोग ने कहा है कि ‘नीति फ्रंटियर टेक हब’ 2047 तक भारत के विकास की दिशा में देश के लक्ष्य को आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस शोध पत्र में कहा गया है कि क्वांटम कंप्यूटिंग तेजी से विकसित हो रही है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों पेश कर रही है। ये वैश्विक क्वांटम दौड़, नवीनतम तकनीकी सफलताओं और राष्ट्रीय सुरक्षा पर संभावित प्रभाव का पता लगाता है। यह भारत की तैयारियों को बढ़ाने के लिए सिफारिशें भी प्रदान करता है।

सरकार ने स्वदेशी क्वांटम प्रौद्योगिकी परिवेश विकसित करने के लिए 6,003 करोड़ रुपये के बजट के साथ अप्रैल 2023 में राष्ट्रीय क्वांटम मिशन की शुरुआत किया था। अमेरिका ने अबतक पांच अरब डॉलर का निवेश किया है, जबकि चीन 15 अरब डॉलर के निवेश के साथ सबसे आगे हैं। यूरोप ने 1.2 अरब डॉलर और भारत 75 करोड़ डॉलर का निवेश किया है। इस तरह कुल मिलाकर 30 से अधिक सरकारों ने क्वांटम प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने के लिए 40 अरब डॉलर से अधिक के निवेश का संकल्प जताया है।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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