भूस्खलन और भारी बारिश के बाद फंसे अमरनाथ यात्रियों की सहायता के लिए भारतीय सेना ने त्वरित कार्रवाई

श्रीनगर, 17 जुलाई (हि.स.)। भारतीय सेना ने 16 जुलाई की शाम को रायलपथरी और बरारिमार्ग के बीच ज़ेड मोड़ के पास हुए भीषण भूस्खलन के कारण फंसे 3,500 से ज़्यादा अमरनाथ यात्रियों को कठोर मौसम का सामना करते हुए बचाया।

शाम लगभग 7ः15 बजे लगातार भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन ने यात्रा मार्ग पर अचानक सभी आवाजाही रोक दी जिससे हज़ारों तीर्थयात्री दुर्गम इलाकों में फंस गए। तत्परता दिखाते हुए ब्ररीमर्ग में तैनात सेना की टुकड़ी ने एक समन्वित बचाव और राहत अभियान शुरू किया जिससे एक संभावित आपदा टल गई।

लगभग 500 तीर्थयात्रियों को तुरंत सेना के तंबुओं में शरण दी गई और उन्हें चाय और पीने का पानी उपलब्ध कराया गया। ब्ररीमर्ग और ज़ेड मोड़ के बीच विभिन्न लंगरों में 3,000 अतिरिक्त यात्रियों को ठहराया गया जहाँ स्वयंसेवकों और सेना के जवानों ने मिलकर बुनियादी ज़रूरतों को पूरा किया।

एक विशेष रूप से जानलेवा स्थिति में एक बीमार तीर्थयात्री रायलपथरी में दो भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों के बीच फँसा हुआ पाया गया। अंधेरे, बारिश और अस्थिर इलाके के बावजूद सेना की त्वरित प्रतिक्रिया टीमों (क्यूआरटी) ने मरीज को स्ट्रेचर पर सुरक्षित निकालने के लिए एक कठिन मैनुअल निकासी अभियान चलाया। सेना द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि मरीज को आगे की चिकित्सा देखभाल के लिए एम्बुलेंस में स्थानांतरित कर दिया गया।

अधिकारियों ने पुष्टि की कि बरारिमार्ग स्थित कैंप निदेशक और भारतीय सेना के कंपनी कमांडर पूरे अभियान के दौरान मौके पर मौजूद रहे और व्यक्तिगत रूप से बचाव कार्यों की निगरानी की। रायलपथरी और बरारिमार्ग दोनों जगहों पर हल्की बारिश हो रही है लेकिन स्थिति फिलहाल स्थिर और नियंत्रण में है।

हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता

   

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