हरियाली तीज पर दिखी भारतीय संस्कृति की झलक, लोकगीतों से बांधा समां

हरियाली तीज पर दिखी भारतीय संस्कृति की झलक, लोकगीतों की सुरों से बांधा समांहरियाली तीज पर दिखी भारतीय संस्कृति की झलक, लोकगीतों की सुरों से बांधा समांहरियाली तीज पर दिखी भारतीय संस्कृति की झलक, लोकगीतों की सुरों से बांधा समां

देहरादून, 08 अगस्त (हि.स.)। पारंपरिक परिधानों में सजी महिलाओं ने भारतीय संस्कृति की झलक दिखाई तो कजरी आदि लोकगीतों को सुरों में पिरोकर ऐसा समां बांधा कि माहौल खुशनुमा हो गया। मौका था धर्म-संस्कृति और सामाजिक एकता को एकसूत्र में पिरोने का त्योहार हरियाली तीज का। निरंजनपुर स्थित प्राचीन स्वर्गापुरी मंदिर प्रांगण में रुद्राक्ष-विमुक्त, घुमंतू कार्य गतिविधि उत्तराखंड प्रांत की ओर से समाज की असंगठित महिलाओं के बीच मेंहदी, चूड़ी, परिधान, नृत्य व तीज के गीत प्रतियोगिता हुई।

मनभावन सावन में हरियाली तीज पर्व पर पौराणिक गीत एवं कजरी के सुर और हरे परिधान में सजी महिलाएं कार्यक्रम में सौंदर्य बिखेर रही थीं। प्रतियोगिता के माध्यम से अपने छिपे हुनर को प्रदर्शित कर भारतीय परंपरा को जीवंत कर दिया। महिलाओं की हंसी-ठिठोली और मस्ती देखते ही बन रही थी। महिलाओं ने कजरी के पारंपरिक गीत गाए तो नृत्य भी किए। बच्चों की टोली अपनी मस्ती में थी। हाथों में मेहंदी रचाने की होड़ थी। इस बीच कोई जलपान के मजे ले रहा था तो कोई मेहंदी लगवाने में व्यस्त था। इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत भगवान गौरी-शंकर एवं राधा-कृष्ण की पूजन-अर्चन के साथ हुई। सभी मातृशक्ति ने घर-परिवार की खुशहाली की कामना की।

इस अवसर पर अखिल भारतीय विकास परिषद की प्रांत अध्यक्ष ममता सिंह ने कहा कि त्योहार सामाजिक सौहार्द बढ़ाते हैं। हम सबको भेद-भाव रहित होकर भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाना है। वहीं प्रतियोगिता में नौ विजेता प्रतिभागियों को भाजपा नेता सुनील उनियाल गामा की धर्मपत्नी शोभा उनियाल ने पुरस्कार देकर सम्मानित किया। खास बात यह है कि इसमें 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला जानकी देवी ने भी पुरस्कार जीता है। कार्यक्रम में महिलाओं व बालिकाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। कार्यक्रम का संचालन अनुराधा सिंह ने किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन का उद्देश्य देश की संस्कृति और परंपरा को जीवंत बनाए रखना है। इससे महिलाओं का आत्मविश्वास भी बढ़ता है। विमुक्त, घुमंतू कार्य गतिविधि उत्तराखंड प्रांत का मूल मंत्र- सद्भावना, सुरक्षा, सेवा, संस्कार, सृजन व अधिकार है। इस दौरान विजय अरोड़ा, वंदना सिंह, रिंकी उनियाल, सीमा चड्ढा, शैली कोहली, ममता, दीक्षा, प्रियंका गुप्ता, शोभा, सुदेश, अलका जैन, बीना शर्मा, करुणा शर्मा, प्रियंका जैन, सुमित्रा लखेड़ा, किरन, गुड़िया, जिज्ञासा समेत अन्य महिलाएं उपस्थित थीं।

हिन्दुस्थान समाचार / कमलेश्वर शरण / वीरेन्द्र सिंह

   

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