विश्व के समक्ष सेवा का नया अध्याय लिखें भारतीय चिकित्सक : राज्यपाल बागड़े

उदयपुर, 1 मार्च (हि.स.)। राज्यपाल हरिभाऊ किशनराव बागड़े ने कहा कि आम समाज के लिए चिकित्सक भगवान के समान होते हैं। व्यक्ति की चिकित्सा के प्रति श्रद्धा और आत्मीय भाव अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वह चिकित्सक की सलाह पर पूरी आस्था रखता है। ऐसे में चिकित्सक की जिम्मेदारी अहम हो जाती है।

वे शनिवार को यहां नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) के 44वें राष्ट्रीय अधिवेशन नमोकॉन-2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने चिकित्सकों से सेवा भावना को सर्वोपरि रखने का आह्वान करते हुए कहा कि मानव सेवा ही ईश्वर सेवा का पर्याय है। स्वामी विवेकानंद ने मानव सेवा को ही ईश्वर सेवा बताया था, और पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने भी नर सेवा को नारायण सेवा के रूप में स्वीकार किया। इसी भावना के साथ समाज को स्वास्थ्य, शिक्षा और सेवा के प्रति जागरूक बनाना आवश्यक है।

राज्यपाल ने चिंता व्यक्त की कि वर्तमान समय में मनुष्य की रोग प्रतिकारक क्षमता कमजोर हो रही है, जिसे बढ़ाने के प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि पुराने समय में प्रातःकाल दंड-बैठक और व्यायाम हमारी दिनचर्या का अनिवार्य हिस्सा था, लेकिन आधुनिक जीवनशैली में यह परंपरा लुप्त होती जा रही है। इसे पुनर्जीवित कर लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। उन्होंने कोविड-19 महामारी का उदाहरण देते हुए कहा कि इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में न केवल देश बल्कि विदेशों को भी बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया गया।

उन्होंने नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) की सराहना करते हुए इसके अधिवेशन की सफलता की कामना की। अपने बचपन के कुछ अनुभव साझा करते हुए उन्होंने सामाजिक सेवा कार्यों को याद किया।

राज्यपाल ने सर्वे भवन्तु सुखिन: की संकल्पना के साथ विश्व को एक परिवार मानने की विचारधारा पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति के प्रभाव से हमारी बौद्धिक क्षमता प्रभावित हुई है, जबकि भारत का चिकित्सा शास्त्र सदियों से अत्यंत समृद्ध रहा है। उन्होंने खिलजी जैसे आक्रमणकारियों द्वारा भारत की बौद्धिक संपदा और ज्ञान परंपरा को नष्ट करने के प्रयासों का उल्लेख किया और कहा कि विषम परिस्थितियों के बावजूद भारतीय चिकित्सकों ने वैश्विक स्तर पर अपना कीर्तिमान बनाए रखा। उन्होंने कहा कि प्राचीन चिकित्सा पद्धति और परंपरागत ज्ञान को संरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है।

मैकाले की शिक्षा पद्धति पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रणाली राष्ट्र की जड़ों को कमजोर करने के लिए बनाई गई थी, लेकिन अब संगठन राष्ट्र सेवा के भाव को सुदृढ़ करने और समाज में चेतना जगाने का कार्य करेगा। इसके लिए प्राइमरी शिक्षा से ही प्रयास करने होंगे। नई शिक्षा नीति में इस दिशा में महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं।

राज्यपाल ने राष्ट्रव्यापी संगठन नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन (एनएमओ) से अपेक्षा की कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी समुचित चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएं। साथ ही, सरकार की यह जिम्मेदारी है कि कोई भी ग्रामीण चिकित्सालय डॉक्टर की अनुपस्थिति में न रहे।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दिया ऑनलाइन सम्बोधन

उद‌्घाटन सत्र को ऑनलाइन संबोधित करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा है, और इसी संकल्पना के साथ कार्य करने वाला नेशनल मेडिकल ऑर्गेनाइजेशन निश्चित रूप से जनसेवा में उपयोगी सिद्ध होगा। उन्होंने धर्म के महापर्व कुंभ में चिकित्सकों द्वारा दी जा रही निःस्वार्थ सेवा की सराहना की। बिरला ने कहा कि समाज के प्रति समर्पित चिकित्सा सेवा न केवल रोगियों को राहत देती है, बल्कि सेवा और परोपकार की भावना को भी सशक्त बनाती है।

उदयपुर के आरएनटी मेडिकल कॉलेज के नवीन गट्टानी सभागार में आयोजित उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह संपर्क प्रमुख रमेश पप्पा, राजस्थान क्षेत्रीय संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल, एनएमओ के अखिल भारतीय अध्यक्ष सी.बी. त्रिपाठी, एनएमओ के अखिल भारतीय संगठन सचिव डॉ. पुनीत अग्रवाल, एनएमओ के अखिल भारतीय महासचिव डॉ अश्वनी टंडन भी अतिथि थे।

राजस्थान क्षेत्रीय संघचालक डॉ. रमेश अग्रवाल ने कहा कि एलोपैथी वाले का श्रेष्ठता का भाव नहीं रखते हुए अन्य पैथी को भी बराबर सम्मान दें। आज चिकित्सकों के प्रति समाज में पैदा हो रहे नकारात्मक भाव को समाप्त करने और सभी वर्गों को स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ कराने की दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। एनएमओ को इस दृष्टि से विचार करना चाहिए।

आयोजन समिति के चेयरपर्सन डॉ. राजेश मलिक ने अतिथियों का स्वागत करते हुए हल्दीघाटी तक की साइकिल यात्रा में प्रमुख सहयोगी रहे अनंता मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष नारायण सिंह राव, डायरेक्टर नितिन शर्मा, सहित हल्दीघाटी प्रशासन, नाथद्वारा शिव प्रतिमा दर्शन और भोजन प्रसादी के लिए मिराज समूह का भी आभार व्यक्त किया। साइकिल रैली में प्रयुक्त सौ नई साइकिलें वनवासी कल्याण आश्रम को जनजाति छात्र-छात्राओं के उपयोग के लिए भेंट की गई। अतिथियों ने एनएमओ के जर्नल एवं अधिवेशन की स्मारिका का विमोचन भी किया।

उल्लेखनीय है कि अधिवेशन के दौरान विभिन्न सत्रों में मेडिकल साइंस में हो रहे बदलाव, नवाचारों और चुनौतियों पर चर्चा होगी। अलग-अलग सत्रों में मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए साइंटिफिक प्रजेंटेशन, चिकित्सा कार्मिकों से हिंसा पर पैनल डिस्कशन, डॉ. अब्बाजी ठाटे व्याख्यान, अभिव्यक्ति मंच और एकेडमिक व क्लिनिकल प्रेक्टिस पर डॉ. सुजित धार का व्याख्यान शामिल है।

कार्यक्रम का संचालन सह आयोजन सचिव डॉ राजवीर सिंह ने किया।

कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थिति के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख श्रीवर्धन, क्षेत्र सेवा प्रमुख शिव लहरी, प्रांत प्रचारक मुरलीधर, हरीश राजानी, विधायक फूल सिंह मीणा, विभाग संचालक हेमेंद्र श्रीमाली महानगर संघचालक गोविंद अग्रवाल , प्रो सीमा मलिक, विमोचित पुस्तक की सह संपादक डॉ साक्षी मलिक आदि रहे।

आयोजन को सफल बनाने के लिए आर्गेनाइजिंग चैयरमेन डॉ. राजेश मलिक, को-चैयरमैन डॉ. राहुल जैन, आर्गेनाइजिंग सेकेट्री डॉ. नरेंद्र जोशी, डॉ. देवेन्द्र सरीन के नेतृत्व में विभिन्न टीमें बनाई गई हैं। इन टीमों का मार्गदर्शन संरक्षक डॉ. रमेश अग्रवाल, डॉ. धनंजय अग्रवाल, डॉ. डीके शर्मा, डॉ. विपिन माथुर, स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. रामस्वरूप मालव, स्टेट सेकेट्री डॉ. प्रद्युम्न गोयल, जोनल प्रेसिडेंट डॉ. सुशील भाटी और जोनल सेकेट्री डॉ. अनिल विश्नोई, आयोजन सह सचिव भगवान बिश्नोई, आकाश सिंह डॉ यज्ञ आमेटा आदि रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीता

   

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