देश का कपड़ा और परिधान निर्यात 7 फीसदी बढ़कर 21.36 अरब डॉलर
- Admin Admin
- Jan 02, 2025
-वस्त्र एवं परिधान के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 3.9 फीसदी
नई दिल्ली, 02 जनवरी (हि.स.)। भारत का कपड़ा और परिधान (हस्तशिल्प सहित) कुल निर्यात चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान सात फीसदी बढ़कर 21.36 अबर डॉलर हो गया है। वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि के लिए यह आंकड़ा 20.01 अरब डॉलर रहा था। वहीं, वस्त्र एवं परिधान के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 3.9 फीसदी है।
कपड़ा मंत्रालय ने गुरुवार को जारी एक बयान में कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-अक्टूबर के दौरान भारत के कुल कपड़ा निर्यात में 8.73 अरब डॉलर के रेडीमेड गारमेंट्स (आरएमजी) निर्यात ने सबसे बड़ी 41 फीसदी हिस्सेदारी हासिल की है। चालू वित्त वर्ष की सात महीने की अवधि के दौरान निर्यात सूची में सूती वस्त्र 33 फीसदी हिस्सेदारी के साथ दूसरे स्थान पर है, जिसका मूल्य 7.08 अरब डॉलर है। इसके बाद मानव निर्मित वस्त्र (15 फीसदी, 3.105 अरब डॉलर) का स्थान है।
मंत्रालय ने जारी बयान में कहा है कि आयात में वृद्धि मुख्य रूप से सूती वस्त्रों में देखी गई है, जिसका मुख्य कारण लंबे रेशे वाले सूती रेशे का आयात है। भारत 2023 के आधार पर दुनिया में वस्त्र और परिधान का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है। देश के कुल निर्यात में हस्तशिल्प सहित वस्त्र और परिधान (टीएंडए) की हिस्सेदारी वित्त वर्ष 2023-24 में 8.21 फीसदी है। देश का वस्त्र और परिधान के वैश्विक व्यापार में 3.9 फीसदी हिस्सा है।
मंत्रालय के मुताबिक भारत के लिए प्रमुख कपड़ा और परिधान निर्यात गंतव्य अमेरिका और यूरोपीय संघ हैं, जिनकी कुल कपड़ा और परिधान निर्यात में लगभग 47 फीसदी हिस्सेदारी है। भारत एक प्रमुख कपड़ा और परिधान निर्यातक देश है। वस्त्रों में आयात का बड़ा हिस्सा पुनः निर्यात या कच्चे माल की उद्योग जरूरतों के लिए होता है। लाल सागर के आसपास भू-राजनीतिक संकटों के कारण वित्त वर्ष 2024 में निर्यात शुरू में कम रहा है। इसकी वजह से जनवरी, फरवरी और मार्च 2024 के दौरान जहाज की आवाजाही प्रभावित रही।
कपड़ा मंत्रालय ने कहा है कि वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि की तुलना में वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर की अवधि के दौरान सभी प्रमुख वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि देखी गई है। केवल ऊन और हथकरघा में क्रमशः 19 फीसदी और 6 फीसदी की गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2024-25 की अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान परिधान (हस्तशिल्प सहित) में 1 फीसदी की गिरावट आई है (5.425 अरब डॉलर) जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि (5.464 अरब डॉलर) में यह गिरावट आई है।
मंत्रालय ने कहा कि अप्रैल-अक्टूबर अवधि के दौरान कुल आयात (5.43 अरब डॉलर) में 1.86 अरब डॉलर के आयात के साथ मानव निर्मित वस्त्र श्रेणी की सबसे बड़ी हिस्सेदारी (34 फीसदी) है, क्योंकि इस क्षेत्र में मांग-आपूर्ति का अंतर है। दूसरी ओर वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान भारत के वस्त्र और परिधान उत्पादों का आयात लगभग 15 फीसदी घटकर 8.946 अरब डॉलर रह गया है, जबकि वित्त वर्ष 2022-23 में यह आंकड़ा 10.481 अरब डॉलर था।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर