धान की फसल में माहों का प्रकोप, किसानों की बढ़ी चिंता

धमतरी, 15 सितंबर (हि.स.)। मौसम के उतार-चढ़ाव, उमस और गर्मी के चलते धान की फसल में माहों (कीट) का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। किसानों द्वारा दवा का छिड़काव करने के बाद भी अपेक्षित असर नहीं दिख रहा, जिससे किसानों की चिंता गहराती जा रही है। समय पर बारिश होने से इस बार धान की फसल अच्छी थी और बालियां निकल आई थीं। लेकिन अचानक माहों के हमले ने उत्पादन पर संकट खड़ा कर दिया है। खेतों में पकी हुई फसल की बालियों को माहों चट कर रहे हैं।

बोड़रा के किसान मेघनाथ ठाकुर, भागी ठाकुर, महेंद्र कौशिक, भगत यादव, हरेंद्र साहू, अर्जुन साहू, भागवत साहू और महेश पाल ने बताया कि अभी कुछ दिन पहले तक फसल लहलहा रही थी। किसानों को अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन माहों ने मेहनत पर पानी फेर दिया। डाही सहित छाती, सेमरा, सेनचुवा, बिजनापुरी, कसही, हंकारा और अंगारा गांवों में भी यही हाल है। खेतों में फसल पर कीटों का हमला देखकर किसानों की रातों की नींद उड़ गई है। डाही गांव के किसान केदार पटेल, लेख सिन्हा, वासुदेव साहू और ठेल सिन्हा ने कहा कि फसल की शुरुआती अवस्था काफी अच्छी थी, लेकिन माहों के कारण पौधों की बढ़वार प्रभावित हो गई है। अब उत्पादन घटने की आशंका गहराती जा रही है। लगातार दवा छिड़काव के बावजूद स्थिति में सुधार न होने से किसान हताश हो रहे हैं।

कृषि अधिकारी एफएल पटेल ने किसानों से अपील करते हुए कहा कि बिना विशेषज्ञ की सलाह लिए बाजार से दवा न खरीदें। कई बार गलत दवा के प्रयोग से फसल को और नुकसान पहुंच सकता है। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर किसानों को कीट प्रबंधन संबंधी जानकारी दी जा रही है। यदि किसान विभागीय सलाह का पालन करेंगे तो हानि को कम किया जा सकता है।

धान की फसल की इस स्थिति ने किसानों की मेहनत और उम्मीद दोनों पर असर डाला है। जहां कुछ दिन पहले तक गांव-गांव में अच्छी पैदावार की खुशी थी, वहीं अब माहों के प्रकोप से किसान परेशान और चिंतित हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / रोशन सिन्हा

   

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