मानव-पशु संघर्ष रोकने, कारगर योजना बनाने का निर्देश

मुंबई, 22 मार्च (हि.सं.)। महाराष्ट्र के गडचिरोली जिले में बाघ के हमलों में मानव हानि को टालने के लिए मुख्यमंत्री व गडचिरोली के पालकमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कारगर य़ोजना का बनाने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया है। उन्होंने विशेषज्ञों की मार्गदर्शन में स्थिति का अध्ययन करने और तुरंत विशेष उपायों को लागू करने का निर्देश दिया है। यह रिपोर्ट तीन महीने में समिति को प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही पिछले पांच वर्षों में बाघ के हमलों में मारे गए लोगों के परिवारों को विशेष नुकसान भरपाई देने, अतिरिक्त बाघों का स्थानांतरण आदि शामिल है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने 'मित्रा' संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रवीण परदेशी के मार्गदर्शन में योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। परदेशी ने नागपुर में वरिष्ठ वन अधिकारियों की बैठक बुलाकर उपायों पर चर्चा की और उन पर अमल करने के निर्देश दिए हैं. गडचिरोली जिले में पिछले पांच वर्षों में बाघ के हमलों में 50 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई है। विशेष रूप से गडचिरोली, चार्मोशी, आरमोरी, वडसा और धानोरा क्षेत्र में बाघों के हमलों में लोगों की जान गई है। गडचिरोली में स्थिति का अध्ययन करके अतिरिक्त बाघों का स्थानांतरण तीन महीने में किया जाएगा।

गडचिरोली जिले के चपराला और प्राणहिता अभयारण्य में सागवान के पेड़ों की छंटाई और घास का क्षेत्र बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। ताकि घास खाने वाले जानवरों की संख्या बढ़ सके और मांसाहारी जानवरों को भोजन मिल सके। प्रत्येक गांव में पुलिस पाटिल की तर्ज पर वन पाटिल नियुक्त करने का भी निर्णय लिया गया है। स्थानीय लोगों को जंगल में लकड़ी और सरपण इकट्ठा करने के लिए जंगल में न जाने पड़े, इसके लिए गांव में पाइपलाइन के माध्यम से सीबीजी गैस आपूर्ति करने का फैसला किया गया है।

वन्य जीवों द्वारा फसलों को हुए नुकसान की भरपाई जल्द करने के लिए ई-पंचनामा करने, बाघों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर चपराला अभयारण्य के 6 गांवों के स्थानांतरण के लिए सामाजिक और आर्थिक मूल्यांकन करने, पुनर्वास के लिए नए स्थान की तलाश करने के उपायों पर बैठक में चर्चा की गई। इस विषय पर काम करने वाली संस्थाओं के विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / वी कुमार

   

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