इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल: डीडीएलजे की स्क्रीनिंग में उमड़े दर्शकों के सैलाब
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- Jan 21, 2025
जयपुर, 21 जनवरी (हि.स.)। जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल का मंगलवार को भव्य समापन हुआ। पिछले पांच दिनों तक चले इस आयोजन ने जयपुर, राजस्थान और भारत को विश्व सिनेमा समुदाय से जोड़ने की एक नई मिसाल कायम की। देश-विदेश से आए 650 से अधिक फिल्ममेकर्स ने जयपुर में शिरकत की और स्थानीय फिल्म प्रेमियों के साथ अपनी कहानियां और अनुभव साझा किए। यह फेस्टिवल न केवल सिनेमा का जश्न था, बल्कि राजस्थान और भारत में फिल्म उद्योग के विकास का एक महत्वपूर्ण मंच भी साबित हुआ।
सिनेमा की नई ऊंचाइयां और दर्शकों का अपार उत्साह
फेस्टिवल की शुरुआत एक शानदार म्यूजिकल रेड कार्पेट से हुई, और समापन मंगलवार को 62 फिल्मों की स्क्रीनिंग के साथ हुआ। सिनेमा प्रेमियों ने 48 देशों की 240 फिल्मों का लुत्फ उठाया और हर स्क्रीनिंग पर अद्भुत उत्साह देखने को मिला।
डीडीएलजे: दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे की स्क्रीनिंग में दर्शकों का हूटिंग और तालियों के साथ स्वागत हुआ। यह देखना मानो प्रेम का सागर जिफ में उमड़ पड़ा हो।
राजस्थान से श्रवण सागर की भड़खमा और हास्य और ऊर्जा का तड़का लगाती हसीथ गोली की ब्लॉकबस्टर तेलुगु कॉमेडी-ड्रामा स्वैग्ग को दर्शकों ने खूब पसंद किया।
राजस्थान की कला और संस्कृति को बढ़ावा
फेस्टिवल ने न केवल सिनेमा को बल्कि राजस्थान की कला, संस्कृति और पर्यटन को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत किया। जिफ के कारण राज्य सरकार को लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ।
जिफ में पाकिस्तानी फिल्म का अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर
जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवलका के अंतिम दिन आज पाकिस्तानी सिन्धी फिल्म ‘सिंधु जी गूंज’ का विश्व प्रीमियर हुआ। पाकिस्तान में 26 साल बाद बनी किसी सिन्धी फिल्म का यह अंतर्राष्ट्रीय प्रीमियर जिफ की आठवीं स्क्रीन राजस्थान प्रौढ़ शिक्षण समिति के परदे पर हुआ।
राहुल एजाज द्वारा निर्मित यह फिल्म ऋत्विक घटक तथा प्रयोगवादी मणि कौल तथा कुमार साहनी की सिनेमा शैली की याद दिलाती है। एजाज का कहना है कि सिंधु नदी जो सिंधी संस्कृति का “प्रमुख प्रतीक” रही है इस फिल्म के लिए प्रेरणास्रोत रही है। यह फिल्म सिंधु नदी पर, उसके पार और उसके आसपास की पांच कहानियों के माध्यम से मनुष्यों और सिंधु नदी के बीच के संबंधों की खोज करती है।
पाकिस्तान में पहली सिंधी फिल्म ‘उमर मारवी’ 1956 में रिलीज़ हुई थी और आखिरी सिंधी फिल्म थी ‘हिम्मत’ जो 1997 में रिलीज़ हुई थी। तब से, केवल कुछ सिंधी टेलीफिल्म और लघु फिल्में बनाई गई हैं, लेकिन कोई भी सिंधी फीचर फिल्म, वहां नहीं बनी।
फिल्म के दर्शकों में बड़ी संख्या में प्रमुख सिन्धी गण उपस्थित थे। सिनेमा ऑन व्हील्स पर 25 फिल्मों को एक नए अंदाज में दर्शकों ने खूब एंजॉय किया।
जनवरी 2026 में फिर मिलेंगे
जिफ का यह आयोजन न केवल सिनेमा के प्रति उत्साह को बढ़ावा देने वाला था, बल्कि राजस्थान को विश्व सिनेमा के मानचित्र पर स्थापित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है। जिफ के माध्यम से भारतीय और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा के बीच पुल बनने की यह परंपरा अगले साल जनवरी 2026 में फिर जारी रहेगी।
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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश