गठबंधन धर्म का पालन करना केवल भाजपा की जिम्मेवारी नहीं : विजय सिन्हा

राजग दल की बैठक के दौरान मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री सहित विधायकगण

पटना, 21 जुलाई (हि.स.)। बिहार विधानमंडल में मॉनसून सत्र के बाद सोमवार दोपहर नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राजग विधायक दल के नेताओं की बैठक में उपमुख्यत्री विजय सिन्हा ने जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करना सिर्फ भाजपा की जिम्मेदारी नहीं है।

उपमुख्यत्री सिन्हा ने कहा कि किसी एक पार्टी ने गठबंधन धर्म निभाने की जिम्मेदारी नहीं ले रखी है। जदयू के अधीन एक अहम विभाग के कार्यक्रमों में भाजपा के विधायकों को नहीं बुलाया जा रहा है। ये कौन सा गठबंधन धर्म है। सिन्हा की आपत्ति के बाद उनके समर्थन में भाजपा के कई विधायक खड़े हो गये। इन विधायकों ने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों में उन्हें नहीं बुलाया जा रहा है। जब इस बारे में अधिकारियों से बात करते हैं तो वे बताते हैं कि ऊपर से लिस्ट आती है कि किसे बुलाना है औऱ किसे नहीं बुलाना है।

उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले ही जदयू के नेता और केंद्रीय मंत्री ललन सिंह ने ये ऐलान कर दिया था कि लखीसराय जिले के सूर्यगढ़ा से विधायक प्रहलाद यादव को अगले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया जायेगा। जबकि प्रहलाद यादव ने नीतीश कुमार के विधानसभा में शक्ति परीक्षण के दौरान राजद को छोड़ कर राजग का साथ दिया था।

उन्होंने कहा कि प्रहलाद यादव ने सरकार बनाने में समर्थन दिया था और इसकी जानकारी पहले ही राजग के शीर्ष नेताओं को थी, अगर किसी को प्रहलाद यादव से आपत्ति थी तो उसी समय ये कहना चाहिये था। लेकिन अब कहा जा रहा है कि प्रहलाद यादव को टिकट नहीं मिलेगा।

राजग विधायक दल की बैठक में ग्रामीण कार्य विभाग की योजनाओं के वैश्विक निविदा पर भी विधायकों ने हंगामा मचा दिया। उनका कहना था कि इससे विधायकों का नुकसान हो रहा है और इसका खामियाजा आने वाले विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है। भाजपा विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू समेत कई विधायकों ने ग्लोबल टेंडर पर गहरी आपत्ति जतायी। राजग की बैठक में विधायकों ने नल-जल योजना में गड़बड़ी पर भी गहरी नाराजगी जतायी। विधायकों ने कहा कि पूरे राज्य में नल-जल योजना में गड़बड़ी हो रही है। नल जल योजना के ठेके में भी गड़बड़ी की गयी। इससे लोगों में आक्रोश है और इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।

चुपचाप बैठे रहे नीतीश-

विधायक दल की बैठक में कहासुनी औऱ हंगामा होता रहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुपचाप देखते रहे। सबसे आखिर में नीतीश कुमार ने भाषण भी दिया लेकिन विधायकों की नाराजगी पर कुछ नहीं बोला। नीतीश कुमार विधायकों को ये सलाह देते रहे कि वे लोगों को 2005 से पहले के बिहार की याद दिलायें। बैठक में मौजूद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने भी विधायकों की शिकायत पर चुप्पी साधे रखा।---------------

हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी

   

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