मुस्लिम बहुल क्षेत्र को प्रभावित करने वाले विधेयक पर विचार व्यक्त करना हमारा लोकतांत्रिक अधिकार है- तनवीर सादिक
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- Apr 09, 2025

श्रीनगर, 09 अप्रैल (हि.स.)। नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायक तनवीर सादिक ने बुधवार को वक्फ संशोधन अधिनियम पर चर्चा की मांग की। उन्होंने जोर देकर कहा कि मुस्लिम बहुल क्षेत्र को प्रभावित करने वाले विधेयक पर विचार व्यक्त करना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है।
हम बस एक चीज चाहते हैं आइए हम (वक्फ संशोधन अधिनियम) पर चर्चा करें अगर विधानसभा में नहीं तो हम कहां चर्चा करेंगे मैं फिर से दोहराना चाहता हूं कि हम संसद के अधिकार को चुनौती नहीं दे रहे हैं लेकिन इस पर बात करना और अपने विचार और विरोध व्यक्त करना हमारा अधिकार है। सादिक ने संवाददाताओं से कहा कि हम यही कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में उस समय अफरातफरी मच गई जब नेशनल कॉन्फ्रेंस के विधायकों ने स्पीकर अब्दुल रहीम राथर के स्थगन प्रस्ताव को खारिज करने के फैसले का विरोध किया। इससे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता सुनील शर्मा ने वक्फ संशोधन अधिनियम पर नेशनल कॉन्फ्रेंस के रुख की आलोचना करते हुए कहा कि पार्टी ने इस अधिनियम का विरोध इसलिए किया क्योंकि उसे यथास्थिति बनाए रखने में निहित स्वार्थ है।
शर्मा ने कहा कि वक्फ को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस का दर्द शेख अब्दुल्ला के समय से है। आजादी के बाद से ही नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर में वक्फ का प्रशासन चलाया है। उनका अपना कार्यालय वक्फ की जमीन पर है। उनके रिश्तेदारों और कर्मचारियों के पास कई कार्यालय और जमीनें हैं जो वक्फ से संबंधित हैं और वे इस पर सवाल उठाए जाने से डरते हैं। एक आम गरीब और उत्पीड़ित मुसलमान को इससे कोई परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि वह बिल से खुश हैं। जम्मू-कश्मीर पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सज्जाद लोन ने कहा कि उनकी पार्टी ने स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया है। हमने मांग की है कि स्पीकर या तो अस्थायी रूप से अपने चैंबर में वापस चले जाएं और मुबारक गुल फिलहाल कार्यभार संभाल लें और हमारा काम हो जाएगा। हमने अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया है। अगर वह अपनी बात पर अड़े रहते हैं तो मुझे लगता है कि अविश्वास प्रस्ताव सफल होना चाहिए अगर वह (एनसी) चाहेंगे तो वक्फ बिल पर चर्चा होगी। कांग्रेस विधायक इरफान हफीज लोन ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता का उल्लंघन किया जा रहा है और संघवाद खतरे में है। संविधान और कानून के शासन का उल्लंघन किया जा रहा है। धर्मनिरपेक्षता का खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। संघवाद खतरे में है विविधता में एकता की हमारी पहचान को बहाल करना समय की मांग है। वक्फ संशोधन विधेयक हमारे धार्मिक मामलों को समाप्त करने के लिए है और सदस्यों ने इस पर अपनी चिंता व्यक्त की है कि हम अपने धार्मिक मामलों में उनके हस्तक्षेप को बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने हमारे खूबसूरत राज्य को विभाजित कर दिया है।
हिन्दुस्थान समाचार / राधा पंडिता