जम्मू-कश्मीर ईजेएसी ने हस्तशिल्प-हथकरघा विभाग के विलय को तत्काल पूरा करने की मांग की

श्रीनगर 03 फरवरी (हि.स.)। कर्मचारी संयुक्त कार्रवाई समिति ने हस्तशिल्प और हथकरघा विभागों के विलय को अंतिम रूप देने में हो रही देरी पर गंभीर चिंता जताई है। सरकार के आदेश संख्या 71.आईएनडी 2020 दिनांक 30.03.2020 के तहत निर्णय के बावजूद विलय पांच साल बाद भी अधूरा है जिससे कर्मचारियों में व्यापक निराशा है।

जेएंडके ईजेएसी के अध्यक्ष वजाहत हुसैन दुर्रानी ने जोर देकर कहा कि देरी के कारण विभागीय पदोन्नति समितियों के गैर.संचालन के कारण पदों में गंभीर ठहराव आया है। कर्मचारियों को बार बार सूचित किया गया है कि जब तक विलय पूरी तरह से लागू नहीं हो जाता तब तक उनकी पदोन्नति नहीं हो सकती जिससे उनके करियर की प्रगति प्रभावी रूप से रुक गई है। इसके परिणामस्वरूप कर्मचारियों में मनोबल कम हो गया है। पेशेवर असुरक्षा है और उन कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ रही है जिन्होंने इन विभागों को वर्षों तक सेवा दी है।

उल्लेखनीय है कि जम्मू.कश्मीर के मुख्य सचिव श्री अटल डुल्लू ने हाल ही में सभी विभागों को नियमित रूप से डीपीसी आयोजित करने का निर्देश दिया है ताकि करियर में ठहराव को रोका जा सके। हालांकि हस्तशिल्प और हथकरघा विभागों के कर्मचारियों को इस अधिकार से वंचित रखा जा रहा है। अधिकारियों ने अधूरे विलय को इसका कारण बताया है। इस विरोधाभास ने प्रभावित कर्मचारियों के बीच अनावश्यक संकट और भ्रम पैदा किया है। इन चिंताओं के मद्देनजर ईजेएसी ने उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी और मुख्य सचिव अटल डुल्लू से विलय के तौर.तरीकों को अंतिम रूप देने और इसके उचित निष्पादन को सुनिश्चित करने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने का पुरजोर आग्रह किया है। सरकार को इस मुद्दे को प्राथमिकता देनी चाहिए ताकि प्रशासनिक निष्क्रियता के कारण पहले से ही पीड़ित कर्मचारियों के साथ और अधिक अन्याय को रोका जा सके। इन विभागों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने और लंबे समय से लंबित पदोन्नति और करियर विकास के अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए एक संरचित और पारदर्शी दृष्टिकोण की आवश्यकता है। ईजेएसी हस्तशिल्प और हथकरघा विभागों के कर्मचारियों के साथ मजबूती से खड़ा है और न्याय की उनकी वैध मांग में अपने अटूट समर्थन का आश्वासन देता है। सरकार को कर्मचारी कल्याण और संस्थागत दक्षता के सर्वाेत्तम हित में इस लंबे समय से लंबित मुद्दे को हल करने के लिए बिना देरी किए कार्रवाई करनी चाहिए।

हिन्दुस्थान समाचार / मोनिका रानी

   

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