जम्मू-कश्मीर सरकार ने छात्रों और शिक्षकों को तिरंगा रैली में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया- पवन शर्मा

जम्मू 28 जनवरी (हि.स.)। भाजपा के वरिष्ठ नेता और जिला डोडा के प्रभारी पवन शर्मा ने जम्मू-कश्मीर सरकार के उस फैसले की कड़ी निंदा की है जिसमें दुनिया के सबसे बड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद एबीवीपी द्वारा पुंछ में आयोजित तिरंगा रैली में छात्रों और शिक्षकों को भाग लेने से रोक दिया गया है। यह अन्यायपूर्ण प्रतिबंध हमारे देश के युवाओं के लोकतांत्रिक अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है।

एबीवीपीए एक पंजीकृत राष्ट्रीय छात्र संगठन है जिसकी स्थापना 1948 में हुई थी और 1949 में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत हुआ। एबीवीपी का उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण, शिक्षा और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देना है। एबीवीपी राष्ट्रीय एकता, विविधता में एकता और शैक्षिक विकास को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। यह पहचानना जरूरी है कि एबीवीपी एक राजनीतिक पार्टी नहीं है बल्कि छात्रों के लिए रचनात्मक संवाद और राष्ट्र निर्माण गतिविधियों में शामिल होने का एक मंच है।

संगठन का प्राथमिक ध्यान शिक्षा और छात्र कल्याण पर है जिसमें स्टूडेंट्स एक्सपीरियंस इन इंटरस्टेट लिविंग, स्टूडेंट्स फॉर डेवलपमेंट और थिंक इंडिया जैसी पहल शामिल हैं। यह ध्यान देने योग्य है कि विभिन्न सामाजिक और धर्मार्थ गतिविधियों में शामिल रहा है जैसे प्राकृतिक आपदाओं के दौरान राहत कार्य, पर्यावरण कार्यक्रम और रक्तदान अभियान। हालाँकि संगठन की अपनी विचारधारा और मूल्य हो सकते हैं लेकिन यह किसी विशेष राजनीतिक दल से संबद्ध नहीं है और दलगत राजनीति से ऊपर रहना चाहता है।

राष्ट्रीय गौरव और एकता का प्रतीक तिरंगा रैली का उद्देश्य विभिन्न पृष्ठभूमि के छात्रों और शिक्षकों को हमारे देश की विविधता और ताकत का जश्न मनाने के लिए एक साथ लाना था। उन्हें भाग लेने का अवसर न देकर सरकार ने एक परेशान करने वाला संदेश दिया है कि वह हमारे युवा नागरिकों की आवाज़ और आकांक्षाओं को दबाना चाहती है। मैं सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने और छात्रों और शिक्षकों को उनके लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग करने की अनुमति देने का आग्रह करता हूँ। मैं जम्मू और कश्मीर के लोगों से भी अपील करता हूँ कि वे क्षेत्र के शैक्षिक और सामाजिक विकास में एबीवीपी के योगदान को पहचानें और राष्ट्रीय एकता और प्रगति को बढ़ावा देने के लिए संगठन के प्रयासों का समर्थन करें।

   

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