जादवपुर विश्वविद्यालय को बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मिले 47 करोड़ रुपये

कोलकाता, 17 दिसंबर (हि. स.)। जादवपुर विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा 2.0) के तहत बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 47 करोड़ रुपये की राशि मिलने जा रही है। इस राशि के जारी होने के साथ ही विश्वविद्यालय को लंबे समय से अटकी दूसरी किस्त को लेकर चली आ रही अनिश्चितता समाप्त हो गई है।

विश्वविद्यालय प्रशासन के अनुसार, यह राशि केंद्र और राज्य सरकार की संयुक्त हिस्सेदारी से दी गई है, जिसमें केंद्र का 60 प्रतिशत और राज्य का 40 प्रतिशत योगदान है। यह धनराशि राज्य के शिक्षा विभाग के माध्यम से विश्वविद्यालय को हस्तांतरित की गई है। जादवपुर विश्वविद्यालय के कुलपति चिरंजीब भट्टाचार्य ने बताया कि यह स्वीकृत 100 करोड़ रुपये की योजना की दूसरी और अंतिम किस्त है। इससे पहले वर्ष 2019 में पहली किस्त के रूप में 53 करोड़ रुपये जारी किए गए थे।

हालांकि, इस राशि के उपयोग को लेकर एक समयसीमा भी तय की गई है। विश्वविद्यालय को यह पूरी रकम 31 मार्च तक, यानी चालू वित्तीय वर्ष की अंतिम तिथि तक खर्च करनी होगी। प्रशासन ने इसके लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

गौरतलब है कि अक्टूबर 2021 में तत्कालीन कुलपति सुरंजन दास ने कहा था कि दूसरी किस्त जारी न होने के कारण विश्वविद्यालय की शैक्षणिक और शोध गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं। अब राशि मिलने से विश्वविद्यालय को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।

विश्वविद्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, प्रस्तावित योजनाओं में एकीकृत प्रबंधन प्रणाली का विकास भी शामिल है, जिससे शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय कार्यों को एक ही मंच पर लाया जा सके। अभी इस तरह की प्रणाली के अभाव में कई कार्य मैनुअल तरीके से किए जाते हैं, जिससे परिणाम प्रकाशन जैसे कामों में देरी होती है।

इसके अलावा, इस राशि का उपयोग प्रयोगशालाओं के उन्नयन, शिक्षकों द्वारा पहले से प्रस्तुत शोध परियोजनाओं को सहयोग देने और छात्रवृत्तियों की शुरुआत के लिए भी किया जा सकता है। विश्वविद्यालय प्रशासन का मानना है कि बढ़ती परिचालन जरूरतों और वित्तीय दबाव के बीच यह अनुदान संस्थान के लिए संजीवनी साबित होगा।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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