जादवपुर विश्वविद्यालय की सुरक्षा पर सख्त हुई सरकार, कोलकाता पुलिस ने दिए 200 सीसीटीवी कैमरे लगाने के सुझाव

कोलकाता, 16 अक्टूबर (हि.स.)। जादवपुर विश्वविद्यालय में लगातार बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच राज्य सरकार ने एक बार फिर सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। कोलकाता पुलिस ने विश्वविद्यालय परिसर में कम से कम 200 सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रस्ताव दिया है।

सूत्रों के अनुसार, फिलहाल सरकार ने मुख्य (मेन) और सॉल्टलेक दोनों परिसरों में 70 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए वित्तीय स्वीकृति दी है। इसके अलावा, 32 प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति का प्रस्ताव भी वित्त विभाग के अनुमोदन के लिए भेजा गया है।

विश्वविद्यालय के सूत्रों के मुताबिक, बैठक में प्रो-वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार ने राज्य सरकार के प्रतिनिधियों से दो नए सुरक्षा अधिकारी नियुक्त करने का सुझाव दिया। साथ ही, कैंपस के तालाब क्षेत्र के चारों ओर बाड़ लगाने, प्रकाश की बेहतर व्यवस्था और अन्य सुरक्षा सुधारों के लिए अतिरिक्त धनराशि की मांग भी की गई।

विश्वविद्यालय ने पहले ही उच्च शिक्षा विभाग को दो प्रस्ताव भेजे थे। एक प्रस्ताव 70 सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए था, जिसकी अनुमानित लागत ₹68 लाख 62 हजार 663 बताई गई थी। इसमें से 50 कैमरे मुख्य परिसर और 20 सॉल्टलेक परिसर में लगाए जाने थे। दूसरा प्रस्ताव 32 प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों (30 गार्ड और दो सुपरवाइजर) की नियुक्ति के लिए था, जिसके लिए मासिक सात लाख 51 हजार 488 की स्वीकृति मांगी गई थी।

वित्त विभाग ने विश्वविद्यालय को बताया है कि सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति से संबंधित प्रस्ताव पहले उच्च शिक्षा विभाग के माध्यम से वित्त विभाग तक भेजा जाना आवश्यक है, जिसके बाद ही धन आवंटन पर निर्णय लिया जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “जैसे ही वित्तीय स्वीकृति मिल जाएगी, सुरक्षा कर्मियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।”

जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन ‘जुटा’ के महासचिव पार्थप्रतीम राय ने कहा, “साल 2023 में रैगिंग और यौन उत्पीड़न के कारण छात्र की मौत के बाद विश्वविद्यालय ने सुरक्षा बढ़ाने की सिफारिश की थी। लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी यह मामला वित्त विभाग तक नहीं पहुंचा, यह बेहद चौंकाने वाली बात है।”

उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय की कानून-व्यवस्था को लेकर कई जनहित याचिकाएं दायर की गई हैं। इसी क्रम में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 26 सितंबर को राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन को 15 अक्टूबर तक सुरक्षा सुधार को लेकर बैठक करने का निर्देश दिया था।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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