नगरोटा पुलिस स्टेशन ने बहु-राज्यीय साइबर धोखाधड़ी का भंडाफोड़ किया, 2.27 करोड़ बरामद

जम्मू, 15 नवंबर (हि.स.)। जम्मू (ग्रामीण) पुलिस ने ऑनलाइन धोखेबाजों द्वारा धोखाधड़ी से निकाले गए 2,27,45,264/- बरामद करके एक बड़ी सफलता हासिल की है। यह मामला 10.04.2025 को शुरू हुआ जब खालिद हसन पुत्र गुलाम हसन निवासी दलपतियां मोहल्ला जम्मू द्वारा पुलिस स्टेशन नगरोटा में एक लिखित शिकायत दर्ज कराई गई थी। उन्होंने बताया कि 08.04.2025 को जब वे सिधरा में थे तो उन्हें उनके भाई साजिद हसन का फोन आया जिसमें उन्होंने 54,00,000/- की तत्काल राशि मांगी थी।

अनुरोध पर कार्रवाई करते हुए शिकायतकर्ता ने अपने भाई के पक्ष में जम्मू-कश्मीर बैंक से 54 लाख का ऋण प्राप्त किया। हालाँकि 10.04.2025 को उसके भाई ने उसे सूचित किया कि आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज एप्लिकेशन के माध्यम से निवेश की गई उक्त ऋण राशि सहित 2 करोड़ से अधिक की राशि अज्ञात व्यक्तियों द्वारा धोखाधड़ी से निकाल ली गई है।

शिकायत के बाद पीड़ित को राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 के माध्यम से ऑनलाइन धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई। एनसीसीआरपी पोर्टल के माध्यम से पावती संख्या 31404250002762 के तहत दर्ज की गई शिकायत में आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज प्लेटफॉर्म पर धोखाधड़ीपूर्ण व्यापारिक गतिविधियों के माध्यम से 2,27,45,264/- की साइबर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था।

जांच के दौरान पीड़ित और संदिग्ध धोखेबाजों के बैंक स्टेटमेंट प्राप्त किए गए और उनका विश्लेषण किया गया। यह पाया गया कि गबन की गई राशि संदिग्धों द्वारा संचालित कई बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी गई थी।

पुलिस की त्वरित कार्रवाई से कई धोखाधड़ी वाले खातों को फ्रीज किया गया और माननीय न्यायालय के आदेश से गबन की गई राशि को उनके सही खाते में वापस भेज दिया गया, जिससे कुल 2.27 करोड़ की वसूली हुई।

ग्राहक आवेदन प्रपत्रों (सीएएफ), केवाईसी दस्तावेजों और लेन-देन के विवरण के आगे के विश्लेषण से पता चला कि निम्नलिखित व्यक्तियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचते हुए शिकायतकर्ता और अन्य पीड़ितों को उच्च रिटर्न का झूठा वादा करके निवेश के लिए प्रेरित करके उनके साथ धोखाधड़ी की:

जम्मू पुलिस की जाँच टीम ने अब तक इस मामले में 13 संदिग्धों की पहचान की है और उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी कर रही है।

भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318(4), 61(2), और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2008 की धारा 66-डी के तहत एफआईआर संख्या 214/2025 दर्ज की गई है।

जांच जारी है और विभिन्न राज्यों में संदिग्धों की गिरफ्तारी के लिए कई पुलिस टीमें गठित की गई हैं।

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हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह

   

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