जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कई निजी स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की

श्रीनगर, 19 नवंबर (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा बोर्ड ने कई निजी स्कूलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है जो बोर्ड द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम के बजाय निजी प्रकाशकों की किताबें लिखकर पाठ्यपुस्तकों के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे थे।

बोस की संयुक्त सचिव शहनाज़ चौधरी ने संवाददाताओं को बताया कि बोर्ड को अभिभावकों से कई शिकायतें मिली थीं जिसके बाद ज़िला-व्यापी निरीक्षण किया गया जिसमें कुछ संस्थानों में व्यापक विचलन सामने आया।

चौधरी ने कहा कि निर्धारित पुस्तक सूची के अनुपालन की निगरानी के लिए सभी ज़िलों में बोस की टीमें तैनात की गई हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में किए गए निरीक्षणों के दौरान चार निजी स्कूल बोस के मानदंडों का स्पष्ट उल्लंघन करते हुए निजी प्रकाशनों की पाठ्यपुस्तकें वितरित करते पाए गए। उन्होंने कहा कि इन चार स्कूलों की पहचान कर ली गई है और हम उनकी संबद्धता समाप्त करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि आठ अन्य स्कूलों पर इसी तरह के उल्लंघन के लिए पहले ही जुर्माना लगाया जा चुका है।

संयुक्त सचिव ने कहा कि सरकार द्वारा निर्धारित बीओएसई की पुस्तकें किफायती, स्कूल बैग के लिए हल्की और छात्रों के लिए आवश्यक शैक्षणिक मानकों के अनुरूप हैं। उन्होंने कहा कि निजी प्रकाशन की पुस्तकें न केवल महंगी होती हैं बल्कि अक्सर अभिभावकों पर अनावश्यक शैक्षणिक और वित्तीय बोझ भी डालती हैं। उन्होंने कहा कि हमारी पुस्तकें सभी आवश्यक मानकों को पूरा करती हैं। शिक्षा छात्रों के अनुकूल होनी चाहिए, बोझ नहीं। स्कूलों को पहले ही निजी प्रकाशनों की पुस्तकें निर्धारित करने से रोकने का निर्देश दिया जा चुका है।ष्

चौधरी ने यह भी खुलासा किया कि कुछ स्कूलों ने निजी प्रकाशनों की पुस्तकों का उपयोग जारी रखने की अनुमति के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कहा कि अदालत ने मामले की समीक्षा के बाद बीओएसई के पक्ष में फैसला सुनाया, जिससे बोर्ड को अपनी पाठ्यपुस्तक नीति लागू करने का अधिकार मिल गया।

उन्होंने अभिभावकों से सतर्क रहने और किसी भी उल्लंघन की सूचना देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि अभिभावक हमारी शिकायत प्रकोष्ठ में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। हम तुरंत कार्रवाई करेंगे। बीओएसई अधिकारियों ने कहा कि आने वाले हफ़्तों में निरीक्षण जारी रहेंगे और निष्कर्षों के आधार पर और भी दोषी संस्थानों को दंड या मान्यता रद्द करने का सामना करना पड़ सकता है। बोर्ड ने दोहराया कि बीओएसई द्वारा निर्धारित पुस्तकों का एक समान कार्यान्वयन सीखने के परिणामों के मानकीकरण और शिक्षा प्रणाली में सभी परिवारों के लिए सामर्थ्य सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

   

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