सदियों पुरानी दरबार मूव प्रथा को पुनर्जीवित करने के सरकार के फैसले का जम्मू के व्यापारिक समुदाय ने किया स्वागत

जम्मू, 17 अक्टूबर (हि.स.)। जम्मू के व्यापारिक समुदाय ने सदियों पुरानी दरबार मूव प्रथा को पुनर्जीवित करने के सरकार के फैसले का गर्मजोशी से स्वागत किया है। उन्होंने इसे एक ऐतिहासिक और सकारात्मक कदम बताया है जो न केवल शीतकालीन राजधानी में व्यावसायिक गतिविधियों को पुनर्जीवित करेगा बल्कि जम्मू और कश्मीर के बीच भावनात्मक और प्रशासनिक बंधन को भी मजबूत करेगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कल घोषणा की कि पूर्ण दरबार मूव को फिर से शुरू करने से संबंधित फाइल को उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी है और जल्द ही एक आदेश जारी किया जाएगा।

चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (सीसीआई) जम्मू और अन्य व्यापारिक संगठनों के सदस्यों ने इस फैसले पर गहरा संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि दरबार मूव हमेशा सर्दियों के महीनों में जम्मू में महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि लेकर आया है। यह एक स्वागत योग्य निर्णय है। जब भी सचिवालय जम्मू से संचालित होता है, होटल और परिवहन क्षेत्र से लेकर व्यापारियों और सेवा प्रदाताओं तक पूरे बाजार को एक बड़ा बढ़ावा मिलता है। हम इस परंपरा को बहाल करने के लिए सरकार विशेष रूप से मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को धन्यवाद देते हैं।

व्यापारियों ने याद दिलाया कि 2021 में दरबार मूव के निलंबन से स्थानीय अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था जिससे सर्दियों के मौसम में व्यापार में भारी गिरावट आई थी। शहर के रघुनाथ बाजार के एक दुकानदार राकेश शर्मा ने कहा कि उपराज्यपाल प्रशासन का इस प्रथा को खत्म करने का फैसला कभी भी जम्मू के हित में नहीं था। हमने शुरू से ही इसका विरोध किया था।

कई स्थानीय व्यापारियों ने कहा कि आर्थिक पुनरुद्धार के अलावा दरबार मूव की बहाली का सामाजिक और प्रतीकात्मक महत्व भी है। एक अन्य व्यापारी ने कहा कि यह दोनों क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटता है। जब सरकारी कार्यालय दोनों राजधानियों से संचालित होते हैं तो लोगों के बीच संपर्क बेहतर होता है और प्रशासनिक निर्णय अधिक संतुलित होते हैं।

व्यापारियों ने अपने चुनावी वादे को पूरा करने और क्षेत्र की ऐतिहासिक पहचान का सम्मान करने के लिए मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की भी सराहना की। उत्साहित दुकानदारों के एक समूह ने कहा कि यह सिर्फ़ एक राजनीतिक कदम नहीं है बल्कि जम्मू और कश्मीर के बीच विश्वास की बहाली है।

दरबार मूव एक पुरानी प्रथा है जिसमें पहुँच और क्षेत्रीय समानता सुनिश्चित करने के लिए श्रीनगर और जम्मू के बीच हर छह महीने में कार्यालयों का स्थानांतरण किया जाता है। व्यापारियों का कहना है कि इस परंपरा के पुनर्जीवित होने से सर्दियों के मौसम से पहले जम्मू के व्यापारिक हलकों में आशा की किरण जगी है।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता

   

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