जावेद राणा ने जल शक्ति विभाग के कामकाज की समीक्षा की

जम्मू, 24 अक्टूबर (हि.स.)। जल शक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा ने यहां श्रीनगर में बुलाई गई जल शक्ति विभाग की पहली व्यापक समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि लोगों के कल्याण के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है और स्थानीय स्तर पर समुदाय को शामिल करते हुए पारदर्शी तरीके से उस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करना चाहिए। सरकार उन लोगों के लिए एक पारदर्शी और जवाबदेह शासन स्थापित करने में विश्वास करती है जिन्होंने वर्तमान सरकार से काफी उम्मीदें लगा रखी हैं। उन्होंने कहा सरकार केंद्र शासित प्रदेश के हर कोने के कल्याण और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए आगे बढ़ने के लिए सभी स्तरों पर सहयोगात्मक प्रयास सुनिश्चित किए जा रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि असफलता तब मिलती है जब हम अपनी जिम्मेदारियों से पीछे हटते हैं और बिना समन्वय के काम करते हैं। उन्होंने कहा मुझे सिस्टम पर भरोसा है कि हम चुनौतियों पर काबू पा लेंगे। विभाग के अधिकारी जिस तरह से काम कर रहे हैं वह काफी प्रशंसनीय है। जल जीवन मिशन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि जेजेएम एक प्रतिष्ठित मिशन है और मिशन को पूरा करने के लिए निर्धारित समयसीमा को पूरा करने के लिए कड़े प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने सावधानीपूर्वक संसाधन योजना, धन के विवेकपूर्ण उपयोग और आवश्यकताओं के अनुसार पुरुषों और मशीनरी को जुटाने पर जोर दिया।

मंत्री ने विभिन्न योजनाओं के विभिन्न घटकों के अंतर्गत निविदा/आवंटन/कार्य प्रारंभ करने की जिलेवार स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कम प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों पर कड़ा रुख अपनाया और संबंधित अधिकारियों को अपने प्रयास तेज करने और समय सीमा पूरी करने के लिए कहा साथ ही आगाह किया कि अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को योजनाओं की कार्यान्वयन प्रक्रिया में उच्चतम स्तर की पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि प्रमाणन में देरी, घटिया सामग्री की आपूर्ति के बारे में कुछ शिकायतें मिली हैं जिनकी उचित जांच की जानी चाहिए और यदि कोई त्रुटि है तो उसे सुधारने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए।

समुदायों को बदलने में स्वच्छ जल स्रोतों के महत्व पर जोर देते हुए राणा ने अधिकारियों को प्राकृतिक जल के प्रभावी दोहन के लिए रणनीति विकसित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि यदि हम जल सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार नागरिक के रूप में अपनी भूमिका निभाते हैं तो जल संरक्षण और सतत विकास के प्रति सरकार की अटूट प्रतिबद्धता फलदायी होगी। उन्होंने कहा कि पीने योग्य पानी की कमी से निपटने के लिए प्रभावी और टिकाऊ रणनीतियां विकसित करनी होंगी। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ नियंत्रण उपायों और मिट्टी के कटाव पर ध्यान केंद्रित करने का भी निर्देश दिया।

इससे पहले अतिरिक्त मुख्य सचिव जल शक्ति शालीन काबरा ने विभाग की प्रशासनिक संरचना, योजनाओं, भौतिक और वित्तीय स्थिति, चुनौतियों के अलावा डिजिटल हस्तक्षेप और उन चुनौतियों से निपटने के लिए बाद की रणनीतियों के बारे में जानकारी देते हुए एक विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि विभाग ने समयबद्ध तरीके से उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए एक व्यापक योजना तैयार की है। विभाग मापदंडों की दोबारा जांच करने के लिए योजनाओं की तकनीकी व्यवहार्यता और स्रोत स्थिरता के बारे में तीसरे पक्ष का अध्ययन कर रहा है। बैठक में एसीएस जल शक्ति और अध्यक्ष जेकेडब्ल्यूआरआरए के अलावा, मिशन निदेशक जल जीवन मिशन, पीएचई, आई-एफसी, आरटीआईसी, जल शक्ति विभाग के मुख्य अभियंता, अधीक्षक अभियंता, सिविल, मैकेनिकल-पीएचई, आई-एफसी आरटीआईसी के कार्यकारी अभियंता तथा अन्य अधिकारियों ने भाग लिया।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा

   

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