जवाहर कला केन्द्र :बच्चों की दुनिया से रूबरू कराकर विदा हुआ बुकरू 

जवाहर कला केन्द्र :बच्चों की दुनिया से रूबरू कराकर विदा हुआ बुकरू

जयपुर, 17 नवंबर (हि.स.)। 'देखो इन्हें ये हैं ओस की बूंदे, पत्तों की गोद में ये आसमाँ से कूदे, अंगड़ाई ले फिर करवट बदलकर, नाजुक से मोती हँस दे फिसल कर...' ऐसी ही खूबियों के खजाने को संजोने वाले बच्चों का संसार 'बुकरू:चिल्ड्रन लिटरेचर फेस्टिवल' दो दिन जवाहर कला केन्द्र में साकार हुआ। मनोरंजन, सीख भरी कहानियां और क्रिएटिविटी का डोज देने के साथ रविवार को बुकरू का समापन हुआ। दो दिन 9 देशों के 28 स्पीकर 60 सेशन के जरिए न केवल बच्चों बल्कि पेरेंट्स को भी बंदिशों से परे कल्पनाओं के उस संसार में ले गए जहां हर कोई भावों को जाहिर करने, मनपसंद रंग भरने और मनभावन कहानियां कहने-सुनाने व अपने अनुरूप पात्र गढ़ने को स्वतंत्र है। दो दिवसीय फेस्टिवल के 5वें संस्करण का आयोजन बाल दिवस के उपलक्ष्य में बच्चों के रचनात्मक विकास और उन्हें किताबों से जोड़ने के उद्देश्य से किया गया।

कहानी ट्री में प्रियंका चटर्जी ने संगीत, ड्रामा के साथ रोमांचकारी कहानियां सुनाई। अलंकृता अमाया ने बच्चों को सौरमंडल की सैर कराई। वत्सला जुत्शी ने होरर और फनी कहानियां जाहिर की। विनिथा ने चिड़िया की कहानी के जरिए पक्षियों की दुनिया से रूबरू करवाया। गीता रामानुजम, शिल्पा मेहता के बाद टीम रंग मस्ताने ने निन्यानवे सिक्के कहानी में धनीराम और गरीब किसान की कहानी से बच्चों को सीख दी। धनीराम अमीर होने के बावजूद भी दुखी रहता है और किसान संतोष के साथ सुखी जीवन व्यतीत करता है, कहानी में जीवन के सच को मनोरंजक अंदाज में बयां किया गया।

दो पोडियम में रचना छाबड़िया ने कैलाश पर्वत की मनोरम यात्रा से रूबरू करवाया। क्लो चांग ने एक छोटे बच्चे की कल्पनाओं भरी दुनिया से साक्षात्कार करवाया। विनिथा ने शारीरिक संरचना के बारे में जानकारी देते हुए विभिन्न शारीरिक संरचना वाले लोगों के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने की सीख दी। नंदिता दा कुन्हा ने गिया की दास्तां बयां की जो अपने पिता की तरह कलाकार बनना चाहती है। स्टूडियो में टीम डीके ने डायनासोर के जीवन की जानकारी रोचक अंदाज में दी। मार्क पार्चोव ने पेंटिंग करते हुए बच्चों में आपसी सामंजस्य की भावना विकसित करने और दोस्त बनाने के लिए प्रेरित किया। मेघा गुप्ता ने भारत के इतिहास पर प्रकाश डाला व इंसान और प्रकृति के रिश्ते का महत्व बताया। हेमांगिनी दत्त मजूमदार ने जासूसी पात्र के जरिए बच्चों की तार्किक शक्ति को जगाने का प्रयास किया।

ऑडिटोरियम एलिजाबेथ एट्ज ने ट्री टॉक, प्रत्युष गुप्ता ने कलर्स ऑफ म्यूजिक, मल्लिका रविकुमार ने क्राइम इन्वेस्टीगेशन सेशन लिए। क्राफ्टी कॉर्नर में बच्चों ने लॉरेंस ह्यूजेस, प्रियंका चटर्जी, सिमरन तापड़िया और क्लो चांग के साथ क्रिएटिव क्राफ्ट बनाना सीखे। डूडल वॉल में सात्विक, मैत्री बिम्ब्राह मार्क्स, मैक्स एस्टेस और चारबक दिप्ता ने विजुअल आर्ट के गुर सिखाए।

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हिन्दुस्थान समाचार / दिनेश

   

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