जयंत चौधरी ने किया महिला उद्यमिता कार्यक्रम 'स्वावलंबिनी' का शुभारंभ
- Admin Admin
- Mar 01, 2025
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- चौधरी चरण सिंह विवि, मेरठ और देशभर के अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में एक साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया
नई दिल्ली, 1 मार्च (हि.स.)। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने नीति आयोग के सहयोग से चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ (उप्र) में महिला उद्यमिता कार्यक्रम स्वावलंबिनी का शुभारंभ किया, जो देश में महिला उद्यमिता को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल उच्च शिक्षा संस्थानों (एचईआई) में महिला छात्राओं को उनके उद्यमों को सफलतापूर्वक बनाने और बढ़ाने के लिए आवश्यक उद्यमशीलता मानसिकता, संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाती है।
कौशल विकास एवं उद्यमिता (एमएसडीई) राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम एक ऐसी पहल है, जिसका उद्देश्य युवा महिलाओं को अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक कौशल और आत्मविश्वास प्रदान करना है। हम उन कार्यक्रमों से आगे बढ़ना चाहते हैं, जिनमें महिलाओं को योजनाओं के लाभार्थियों के रूप में सूचीबद्ध किया जाता है। हम महिलाओं के नेतृत्व वाली विकास पहलों की ओर बढ़ना चाहते हैं और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी अवधारणा है। भारत की प्रगति के लिए महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि एमएसडीई के तत्वावधान में और राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) द्वारा कार्यान्वित और नीति आयोग के साथ संयुक्त साझेदारी में, स्वावलंबिनी का उद्देश्य युवा महिलाओं के लिए एक संरचित और चरण-वार उद्यमशीलता यात्रा स्थापित करना है। कार्यक्रम प्रतिभागियों को जागरूकता निर्माण, कौशल विकास, सलाह और वित्त पोषण सहायता सहित विभिन्न चरणों से गुजारेगा। होनहार महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा देने और मान्यता देने के जरिए यह पहल भारत में महिला उद्यमिता के भविष्य के लिए एक बेंचमार्क स्थापित करना चाहती है।
मंत्री ने कहा कि पूर्वी क्षेत्र के कई उच्च शिक्षा संस्थानों आईआईटी भुवनेश्वर और ओडिशा में उत्कल विश्वविद्यालय, नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी शिलांग, हांडिक गर्ल्स कॉलेज गुवाहाटी, दिसपुर कॉलेज और असम में गुवाहाटी विश्वविद्यालय के अलावा स्वावलंबिनी को अब देश के अन्य क्षेत्रों में विस्तारित किया जा रहा है। इस कार्यक्रम ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), हैदराबाद विश्वविद्यालय और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में स्वावलंबिनी के वर्चुअल लॉन्च को भी चिह्नित किया, जिससे देश के विभिन्न क्षेत्रों में इस पहल की पहुंच बढ़ गई।
चौधरी ने कहा कि यह कार्यक्रम युवा महिलाओं को विचार से सफल उद्यम निर्माण में संक्रमण में मदद करने के लिए एक संरचित, बहु-चरणीय प्रशिक्षण दृष्टिकोण पेश करता है। इसकी शुरुआत उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम (ईएपी) से होती है, जो दो दिवसीय कार्यशाला है, जो लगभग 600 महिला छात्रों को मौलिक उद्यमशीलता अवधारणाओं, बाजार के अवसरों और आवश्यक व्यावसायिक कौशल से परिचित कराने के लिए डिज़ाइन की गई है। इसके बाद महिला उद्यमिता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) होता है, जो 300 चयनित छात्रों के लिए 40 घंटे की प्रशिक्षण पहल है। ईडीपी में व्यवसाय विकास, वित्त पहुंच, बाजार संबंध, अनुपालन और कानूनी सहायता के महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया है। इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को अपने विचारों को स्थायी व्यावसायिक उपक्रमों में बदलने में मदद करने के लिए छह महीने की मेंटरशिप और हैंडहोल्डिंग सपोर्ट सिस्टम शामिल किया गया है।
इस अवसर पर, राष्ट्रीय उद्यमिता और लघु व्यवसाय विकास संस्थान ने कौशल विकास नेटवर्क के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए। जयंत चौधरी ने विश्व आर्थिक मंच 2025 में अपनी भागीदारी पर एक रिपोर्ट कौशल और नवाचार के लिए विजन के साथ नेतृत्व करना भी लॉन्च की। कार्यक्रम में सांसद डा. राजकुमार सांगवान, डॉ. लक्ष्मीकांत बाजपेयी, चंदन चौहान, एमएलसी धर्मेंद्र भारद्वाज, विधायक हाजी गुलाम मुहम्मद और सहयोगी संस्थान उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / दधिबल यादव