दुमका , 29 दिसंबर (हि.स.)।जिले के मसलिया थाना क्षेत्र के पहरुडीह गांव निवासी 26 वर्षीय जेवर व्यवसायी संजय राणा की मौत के बाद रविवार पूरा दिन आसनसोल से उसके पार्थिव शरीर के आने की प्रतीक्षा में परिजन और ग्रामीण परेशान दिखे। गत शनिवार की शाम को अपराधियों ने छिनतई के क्रम में उन्हें गोली मार दी थी। गोली किडनी लिवर तक को डैमेज कर चुका था। उनके बहनोई रवि कुमार ने बताया कि संजय को किसी से कोई लेना देना नहीं था और ना ही किसी से कोई दुश्मनी थी। उनकी शादी कोरोना के वर्ष 2020 को मसलिया थाना क्षेत्र के ही गोलबंधा पंचायत के गोलपुर गांव के अरुण राणा की एकलौती बेटी खुशबू के साथ हुई थी। उनका तीन वर्षीय का एक बेटा आदित्य राणा भी है। कम उम्र में ही अपने परिवार का बोझ अपने कंधे में लेकर बड़ी उम्मीद से आश्रम मोड़ चापुड़िया में एक भाड़े पर कमरा लेकर ज्वेलरी का धंधा शुरू किया था। दिन भर ज्वेलरी दुकान में रहने के बाद रात को रोज की तरह सारा सामान लेकर वह दुकान से दो किलोमीटर दूर गांव पहरुडीह जा रहा था।
जैसे ही वह केवल मोहलबना गांव के नीचे मोड़ के पास पहुंचा अपराधियों ने उसके बाइक को रोक कर छिनतई के दौरान गोली मार दिया। गोली की आवाज लोगों को सुनाई नहीं दे इसके लिए कमर के पास सटाकर गोली मारा। मरने से पहले संजय बस एक ही बात कह रहा था कि मैं बहुत लड़ा पर मैं उससे सका नहीं। मुझे धोखे से गोली मार दिया। संजय राणा के पिता मनबोध राणा, छोटा भाई मुकेश राणा, पत्नी मां एवं पूरा समाज उनके साथ इस घटना को अंजाम देने वालों को सलाखों के पीछे देखने के लिए पुलिस प्रशासन से मांग कर रहे हैं। इस संदर्भ में मसलिया थाना प्रभारी अनिल कुमार टुडू ने बताया कि इस मामले में एसआईटी टीम गठित कर छानबीन की जा रही है। जिला से वरीय अधिकारियों की टीम भी घटना से संबंधित जगहों का जायजा लिया है।
सोमवार को पहुंचेगा शाम तक संजय का शव
संजय का शव का रविवार को पोस्टमार्टम नहीं हो पाने की वजह से उनके पैतृक गांव मोहलबना नहीं पहुंच पाया। परिजनों ने बताया कि आज किसी कारण वश पोस्टमार्टम नहीं हो सका है। सुबह दस बजे पोस्टमार्टम के पूर्व लगी गोली को निकाला जाएगा। इसके बाद पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पूरी होगी। संभवतः शाम तक संजय का शव दुमका पहुंच सकता है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / नीरज कुमार