मजबूत एवं विकसित राष्ट्र निर्माण के लिए राज्यों के बीच बेहतर समन्वय जरूरी : मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री हेमन्त साेरेन ने कहा- झारखंड और बंगाल कई मामलों में एक जैसी गतिविधियों के साथ बढ़ रहे आगे

रांची, 5 फरवरी (हि.स.)। मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि जिस तेजी से आज तकनीक बदल रही हैं, उसमें एक मजबूत एवं विकसित राष्ट्र निर्माण के लिए राज्यों के बीच बेहतर संबंध, समन्वय तथा भागीदारी होना अत्यंत जरूरी है। इस कड़ी में राज्यों में आयोजित होने वाले ग्लोबल बिजनेस जैसे समिट की काफी निर्णायक भूमिका होती है। इससे एक राज्य का अन्य राज्यों तथा देशों से बेहतर व्यापारिक रिश्ते बनते हैं। निवेश और नई टेक्नोलॉजी से विकास की नई संभावनाएं बनती है।

मुख्यमंत्री बुधवार को बिस्वा बांग्ला कन्वेंशन सेंटर, न्यू टाउन, कोलकाता, पश्चिम बंगाल में आज से शुरू हो रहे दो दिवसीय बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2025 के आठवें संस्करण के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में आयोजित हो रहे इस समिट में देश-विदेश के कई गणमान्य, उद्यमी एवं निवेशक भाग ले रहे हैं।

मुख्यमंत्री साेरेन ने कहा कि इस समिट में मुझे देश-विदेश से आये मेहमानों और उद्योग जगत से जुड़े लोगों से मिलने का मौका मिल रहा है। इससे यह जानने-समझने का अवसर मिलेगा कि निवेशकों के सहयोग से झारखंड के समग्र विकास की दिशा में कैसे आगे बढ़ सकते हैं। मैं इसी आशा और उम्मीद से बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट 2025 में आए उद्यमियों तथा निवेशकों को झारखंड आमंत्रित करता हूं। आप निवेश करें, ताकि विकास के मामले में झारखंड राज्य भी तेजी से आगे बढ़े।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड देश का एक ऐसा राज्य है, जहां देश का लगभग 40 प्रतिशत खनिज संसाधन पाया जाता है। कई खनिज एवं उद्योगों के लिए जरूरी रॉ मैटेरियल्स का झारखंड सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था में यह राज्य अहम भूमिका निभाता रहा है। उन्हाेंने कहा कि यहां कई खनिज आधारित उद्योग लंबे समय से स्थापित हैं। कई औद्योगिक घरानों ने यहां निवेश किया है। लेकिन, वर्तमान परिवेश में इस राज्य को और आगे ले जाने की जरूरत है। इसके लिए यहां नए-नए उद्योग लगाने

की नए सिरे से पहल कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में खनिज आधारित उद्योगों के साथ-साथ कला-संस्कृति एवं पर्यटन जैसे अनेकों क्षेत्र में विकास और निवेश की अपार संभावनाएं हैं। झारखंड देश का सबसे ज्यादा तसर उत्पादक राज्य है, ऐसे में टेक्सटाइल क्षेत्र में भी यह राज्य आगे बढ़ सकता है। कला-संस्कृति के मामले में झारखंड की गिनती समृद्ध राज्यों में होती है। यहां के नेचुरल ब्यूटी को देखते हुए पर्यटन के क्षेत्र में भी झारखंड निवेशकों की पहली पसंद बन सकता है। उन्होंने उद्यमियों से कहा कि आप झारखंड आएं, सरकार आपको पूरा सहयोग करेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड और पश्चिम बंगाल एक-दूसरे से काफी करीब हैं। इन दोनों ही राज्यों में चल रही कई गतिविधियां एक जैसी ही है। ऐसे में यह बताना मुश्किल है कि कौन गतिविधि झारखंड और कौन बंगाल की हैं। दोनों ही राज्य कई मामलों में एक जैसी गतिविधियों के साथ निरंतर आगे बढ़ रहे हैं। इस तरह की पहल से दोनों ही राज्यों के समग्र विकास का नया रास्ता खुल रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे

   

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