डॉ जितेन्द्र सिंह ने मिशन मौसम और आईएमडी की अन्य परियोजनाओं की समीक्षा की, मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाने पर रहा जोर

नई दिल्ली, 18 मार्च (हि.स.)। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ जितेन्द्र सिंह ने मिशन मौसम सहित प्रमुख मौसम संबंधी पहलों की प्रगति की समीक्षा की, मौसम पूर्वानुमान को बेहतर बनाने पर जोर दिया और पूरे भारत में डॉप्लर मौसम रडार (डीडब्ल्यूआर) प्रतिष्ठानों की स्थिति का आकलन किया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के विस्तारित डॉपलर मौसम रडार नेटवर्क का मुख्य आकर्षण रहा, जिसमें मंत्री ने बेंगलुरु, रायपुर, अहमदाबाद, रांची, गुवाहाटी, पोर्ट ब्लेयर और अन्य स्थानों पर आगामी स्थापनाओं के लिए साइट चयन की समीक्षा की। मंत्री को बताया गया कि

2025-26 तक 73 डॉपलर मौसम रडार और 2026 तक 126 डॉपलर मौसम रडार चालू होने की योजना के साथ, नेटवर्क का उद्देश्य चरम मौसम की घटनाओं पर नज़र रखने में भारत की क्षमता को बढ़ाना है।

डॉ जितेन्द्र सिंह ने आईएमडी को समय पर मौसम पूर्वानुमान और चेतावनियों के प्रसार के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाते हुए सार्वजनिक पहुंच को मजबूत करने का भी निर्देश दिया। बेहतर नागरिक जुड़ाव की आवश्यकता पर बल देते हुए, उन्होंने कहा कि अधिकारियों को मौसम, मेघदूत और उमंग जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप्लिकेशन का पता लगाने में जुटना चाहिए, जो मौसम अपडेट और कृषि मौसम संबंधी सलाह प्रदान करते हैं। डॉ. जितेंद्र सिंह ने मौसम निगरानी प्रणालियों के आधुनिकीकरण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया, सटीकता बढ़ाने में उपग्रह मौसम विज्ञान, संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल और रडार आधारित पूर्वानुमान की भूमिका पर प्रकाश डाला। बैठक में मौसम संबंधी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए वित्तीय आवंटन और लंबित अनुमोदन की भी समीक्षा की गई, जिससे भारत की मौसम संबंधी प्रगति में निरंतर प्रगति सुनिश्चित हुई।

समीक्षा बैठक में पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव डॉ. एम. रविचंद्रन, आईएमडी के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्र और आईएमडी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस बैठक में मौसम पूर्वानुमान की सटीकता में सुधार और जनता तक पहुंच बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

   

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