ट्रेन दुर्घटना के दौरान राहत बचाव को लेकर मॉक ड्रिल के जरिये रिहर्सल

सहरसा, 22 नवंबर (हि.स.)।

पूर्व मध्य रेलवे के समस्तीपुर मंडल के एडीआरएम आलोक कुमार झा आज सहरसा रेलवे स्टेशन पहुंचे। इस दौरान सहरसा रेलवे यार्ड मे रेलवे प्रशासन की ओर से ट्रेन दुर्घटना के दौरान राहत बचाव को लेकर मॉक ड्रिल के जरिये रिहर्सल करवाया।

मॉक ड्रिल के माध्यम से एनडीआरएफ के जवानों द्वारा ट्रेन हादसे के बाद रेल बोगी में फंसे लोगों किस तरह से बाहर निकालकर अस्तपाल पहुंचाकर उन्हें मेडिकल सुविधा दिलाई जाती है। उसका रिहर्सल किया गया। वहीं मौके पर मौजूद एडीआरएम आलोक कुमार झा ने बताया कि मॉक ड्रिल के माध्यम से गाड़ी संख्या 05239 पूर्णिया कोर्ट सहरसा डेमू स्पेशल पेसेंजर गाड़ी यार्ड मे प्रवेश के दौरान अवपथन हो गया जिसमें 20 यात्री जख़्मी हो गए।

जख़्मी यात्रियों को कैसे रेकस्यू कर बाहर निकाला गया और कैसे बचाव किया जाना चाहिए।इसकी विस्तृत रूप से रिहर्सल करके दिखाया गया। मॉक ड्रिल में कोच का एक्सीडेंट के उपरांत रेल जिला प्रशासन एवं एनडीआरफ के सहयोग से चलाई जाने वाले राहत और बचाव कार्य को दिखाया गया।बचाव कार्य के दौरान एआरटी के कर्मचारी स्काउट गाइड के वालंटियर एवं एनडीआरएफ के जवानों के अवपतिथ कोच को गैस कटर से काटकर खिड़की के रास्ते जख्मी यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया। उसके बाद जख्मी यात्रियों को स्ट्रेचर पर लाद कर तुरंत इलाज के लिए मेडिकल टीम के पास ले जाया गया। जहां उसका समुचित इलाज डॉक्टर के द्वारा की गई।

मौके पर मौजूद एनडीआरफ के कमानडेंट विनय कुमार ने कहा कि ट्रेन हादसे के बाद किस तरह राहत बचाव किया जाता है उसका मॉक ड्रिल एनडीआरएफ के जवानों द्वारा अभ्यास किया गया। एडीआरएम आलोक कुमार झा ने कहा यू तो मॉक ड्रिल रेलवे के सुरक्षा बचाव के मद्देनज़र नजर किया जाता और प्रत्येक वर्ष दो बार आयोजित होनी वाली मॉक ड्रिल के लिए इस बार सहरसा स्टेशन को चुना गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / अजय कुमार

   

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