- विश्व प्रसिद्ध वस्तु विनिमय प्रणाली का जीवंत प्रतीक
मोरीगांव (असम), 08 जनवरी (हि.स.)। जागीरोड के जोनबिल क्षेत्र में 16, 17 और 18 जनवरी को तीन दिवसीय ऐतिहासिक जोनबिल मेले का आयोजन होगा। यह मेला अपनी प्राचीन वस्तु विनिमय प्रणाली को सहेजने और प्रदर्शित करने के लिए विश्व प्रसिद्ध है।
मेले में कार्बी आंगलोंग और मेघालय के सैकड़ों गांवों से लोग अपने कृषि उत्पादों के साथ पहुंचेंगे। यहां वे वस्तु विनिमय के जरिए अपनी परंपरा को आगे बढ़ाएंगे। इस मेले में मेघालय के खासी हिल्स तथा कार्बी आंगलोंग के लोग अपने कृषि उत्पाद को लेकर पहुंचते हैं, जिसका विनिमय स्थानीय कृषि उत्पादों के साथ किया जाता है। खरीददारी में पैसे का उपयोग नहीं होता है।
यह मेला केवल आदान-प्रदान का नहीं, बल्कि सांस्कृतिक विविधता और परंपरा के अद्भुत संगम का प्रतीक है।
जोनबिल मेले के लिए व्यापक पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं। इस मेले में तिवा समुदाय के गोभा राजा तथा उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को विशेष रूप से सम्मानित किया जाता है। इसमें भाग लेने के लिए देश तथा दुनिया के अनेक लोग पहुंचते हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / श्रीप्रकाश