उत्तराखंड को संविधान की पांचवी अनुसूची में शामिल किया जाए : हरीश रावत

हरिद्वार, 8 नवंबर (हि.स.)। पहाड़ी आर्मी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत, जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए उत्तराखंड को संविधान की 5वीं अनूसूचि में शामिल किया जाना चाहिए। इसके लिए पहाड़ी आर्मी संगठन लगातार अभियान चला रहा है। उन्होंने आदेश मारवाड़ी को संगठन का हरिद्वार जिलाध्यक्ष मनोनीत किए जाने की घोषणा भी की।

उन्होंने कहा कि ब्रिटिश सरकार ने 1931 में उत्तर प्रदेश के पर्वतीय जनपदों को ट्राइबल स्टेटस दिया था, जो कालांतर में समाप्त हो गया। संविधान की 5वीं अनुसूचि में शामिल किए जाने से उत्तराखंड के जल, जंगल और जमीन तो बचेगी ही बल्कि यहां के युवाओं को केंद्रीय शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में 7.5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ भी मिलेगा। आज जिस तरह से उत्तराखंड के संसाधनों का दोहन हो रहा है, उस पर भी लगाम लगेगी।

संरक्षक जेपी बड़ौनी ने कहा कि राज्य के नेता और अधिकारी राज्य के संसाधनों को बर्बाद कर राज्य को कंगाल करने का काम कर रहे हैं। मूल निवास, भू कानून इस पहाड़ी राज्य की आत्मा है। इसको लागू करवाना संगठन की प्राथमिकता है।

पत्रकार वार्ता में जेपी बड़ौनी, पर्वतीय बंधु समाज हरिद्वार के अध्यक्ष नरेंद्र चौहान, विनोद नेगी, कमलेश जेठी, प्रमोद नेगी, कपिल शाह, कपिल शर्मा जौनसारी आदि मौजूद रहे।

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हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

   

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