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धर्मशाला, 09 फ़रवरी (हि.स.)।तिब्बती धर्मगुरु 14वें दलाई लामा के बड़े भाई ग्यालो थोंडुप का पश्चिम बंगाल के कलिम्पोंग स्थित उनके निवास पर बीते दिन शनिवार को निधन हो गया। वह 97 वर्ष के थे। आधुनिक तिब्बती इतिहास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले थोंडुप का जन्म 5 नवंबर 1928 को हुआ था।
ग्यालो थोंडुप ने अपना पूरा जीवन तिब्बती संस्कृति के संरक्षण और विकास में समर्पित कर दिया। वे दलाई लामा के अनौपचारिक दूत के रूप में भी कार्य करते थे। उनका जीवन धर्मगुरु दलाई लामा की तरह ही ज्ञान, करुणा और सहनशीलता का प्रतीक माना जाता था। दलाई लामा के प्रति उनका समर्पण और निष्ठा हमेशा अटूट रही।
उनके निधन से तिब्बती समाज में गहरा शोक व्याप्त है। उनके अनुयायियों का मानना है कि उनके द्वारा स्थापित आदर्श और मूल्य आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देते रहेंगे। उनकी मृत्यु से न केवल तिब्बती समाज बल्कि पूरे बौद्ध समुदाय के लिए एक अपूर्णीय क्षति है।
उधर दलाई लामा इन दिनों कर्नाटक के दौरे पर हैं। दलाई लामा पिछले तीन जनवरी को धर्मशाला से कर्नाटक के बायलकुप्पे के दौरे पर निकले थे।
हिन्दुस्थान समाचार / सतिंदर धलारिया