बाल कथा संग्रह कर भला हो भला का हुआ विमोचन......

 चंडीगढ़।  शिक्षाप्रद कहानियां, कविताएं छोटे बच्चों की मानसिकता का विकास करती है। ऐसी रोचक बाल कथाएं बच्चों का मनोरंजन करने के साथ उन्हें भविष्य में बेहतर बनाने में और शिक्षित करने में अपनी अहम् भूमिका निभाती हैं। यह कहना है वरिष्ठ साहित्यकार व कवि प्रेम विज का। प्रेम विज जिनकी 20 पुस्तकें  हास्य व्यंग्य लेख, काव्य, कहानी आलोचनात्मक लेखन पर आधारित है, उनकी 21वीं अनुवादित किताब ’कर भला हो भला’ बाल कथा संग्रह है। प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल ने पंजाबी में लिखा था।अनुवादित किताब ’कर भला हो भला’  का विमोचन चंडीगढ़ प्रेस क्लब में हाल ही में प्रेस क्लब चंडीगढ़ में दिल्ली से आए साहित्यकार रणविजय राव ने किया। इस दौरान कवि डाॅ विनोद कुमार शर्मा, लेखिका डा. सरिता मेहता और किताब के लेखक प्रिंसिपल बहादुर सिंह गोसल कवयित्री  उर्मिल कौशिक सखी, अंजु मोदगिल  व राज विज उपस्थित थे। रणविजय राव ने कहा कि इस किताब में कहानियां प्ररेणादायक हैं। बच्चों को इन्हें पढ़कर समाज में एक अच्छा व बेहतर मददगार इंसान बनने की प्ररेणा मिलेगी।

   

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