सरकारी नौकरी की बजाय निजी क्षेत्र में रोजगार की ओर कश्मीरी युवा, पुलवामा के मुर्तजा नजीर बने मिसाल

जम्मू, 8 मार्च (हि.स.)। कश्मीर घाटी के पढ़े-लिखे युवा अब सिर्फ सरकारी नौकरियों पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि निजी क्षेत्र में भी रोजगार के नए अवसर तलाश कर रहे हैं। पुलवामा जिले के करीमाबाद के युवा उद्यमी मुर्तजा नजीर इसका बेहतरीन उदाहरण हैं जिन्होंने खुद का कारोबार स्थापित कर न सिर्फ अपना भविष्य संवारा, बल्कि दूसरों को भी रोजगार दे रहे हैं।

मुर्तजा नजीर ने पांच साल पहले करीमाबाद में अलग-अलग तरह के फूलों की नर्सरी स्थापित कर अपनी उद्यमशीलता की शुरुआत की। कड़ी मेहनत और दूरदर्शिता के साथ उन्होंने इस व्यवसाय को एक सफल उद्यम में तब्दील कर दिया। इसके बाद उन्होंने पुलवामा शहर के तकिया चिनार बाग में एक नया बाजार भी स्थापित किया, जहां वह अपनी नर्सरी के फूलों को व्यावसायिक रूप से बेचते हैं।

मुर्तजा नजीर की यह सफलता उन हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा है जो रोजगार की तलाश में सरकारी नौकरियों की प्रतीक्षा करते हैं। उन्होंने साबित किया है कि अगर सही दिशा में मेहनत की जाए तो निजी क्षेत्र में भी सफल करियर बनाया जा सकता है। अब मुर्तजा नजीर का कारोबार सिर्फ उनका व्यक्तिगत व्यवसाय नहीं रहा बल्कि वह अन्य लोगों के लिए भी रोजगार के साधन तैयार कर रहे हैं। उनकी नर्सरी और बाजार में कई स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला है जिससे क्षेत्र में आर्थिक मजबूती भी आ रही है।

सरकार द्वारा युवा उद्यमियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। कृषि, बागवानी और अन्य क्षेत्रों में आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत युवाओं को वित्तीय सहायता और प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मुर्तजा नजीर की सफलता यह दर्शाती है कि कश्मीर के युवा अब सरकारी नौकरियों की बजाय स्वरोजगार और निजी क्षेत्र में अधिक रुचि ले रहे हैं। इससे न केवल उनकी खुद की आर्थिक स्थिति सुधर रही है बल्कि अन्य लोगों के लिए भी अवसर पैदा हो रहे हैं।

मुर्तजा नजीर जैसे युवा यह साबित कर रहे हैं कि अगर मेहनत और सही रणनीति हो तो किसी भी क्षेत्र में सफलता हासिल की जा सकती है!

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हिन्दुस्थान समाचार / अश्वनी गुप्ता

   

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