
लखनऊ, 31 मई(हि.स.)। उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में 27 मई से आरम्भ होकर 26 जून तक चलने वाले ग्रीष्मकालीन कथक कार्यशाला में छोटे से लेकर बड़े उम्र के प्रशिक्षुओं द्वारा कथक नृत्य का प्रशिक्षण लिया जा रहा है। कथक सिखाने के लिए प्रशिक्षकाें में जितना उत्साह है, उससे कहीं ज्यादा कथक नृत्य सीखने को लेकर छोटे उम्र के बच्चों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
कथक नृत्य का प्रशिक्षण दे रही प्रशिक्षिका नीता जोशी एवं डॉ. मंजू मलाकानी ने बताया कि आगामी 26 जून तक ग्रीष्मकालीन कथक कार्यशाला में नमस्कार (भूमि प्रणाम), तत्कार (पद संचालन) एवं हस्त संचालन की जानकारी दी जा रही है। कथक नृत्य के इन गुणों को सीखने के बाद सामान्य ज्ञान प्राप्त कर नृत्य अभ्यास किया जा सकेगा। इस समय कथक नृत्य सीखने वाले लोगों में छोटे बच्चें सबसे आगे है। वे तेजी से कथक के हर एक बारीकियों को सीख रहे हैं।
वहीं उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी में ग्रीष्मकालीन उपशास्त्रीय गायन कार्यशाला का आयोजन भी किया गया है। 27 मई से 26 जून तक आयोजित ग्रीष्मकालीन कथक कार्यशाला में तबला वादन कार्यशाला के अन्तर्गत तीन ताल का ठेका, तीन ताल के अन्तर्गत कायदा, ताली खाली एवं रूपक ताल की ताली खाली का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी तरह से ग्रीष्मकालीन उपशास्त्रीय गायन कार्यशाला में प्रशिक्षक उस्ताद गुलशन भारती द्वारा प्रशिक्षुओं को ठुमरी, दादरा, टप्पा एवं भजन का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र