केन बेतवा लिंक परियोजना से चंदेलकालीन सरोवरों की बदलेगी तस्वीर

महोबा 26 दिसंबर (हि.स.)।अर्जुन सहायक परियोजना के बाद अब केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी केन-बेतवा लिंक परियोजना से बुंदेलखंड की धारा को हरा भरा किया जाएगा। जिससे यहां सूखे की समस्या खत्म होगी और लोगों का पलायन रुकेगा। एक दशक से ज्यादा समय तक सूखा के हालात झेलने के बाद बुंदेलखंड में सरकार पानी की समस्या के निस्तारण को लेकर लगातार काम कर रही है। वीर भूमि के लोगों ने बुंदेलखंड को बड़ी सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है।

उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल संकट को दूर करने के लिए ऐतिहासिक केन बेतवा लिंक नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना किसी वरदान से कम नहीं है। जिससे बुंदेलखंड में सिंचाई और पेयजल समस्या का स्थाई समाधान मिलेगा। पूर्व सांसद पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेई के नदियों को जोड़ने के दृष्टिकोण को साकार करते हुए बीती 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परियोजना का शिलान्यास किया। जिससे महोबा समेत पूरे बुंदेलखंड के दिन बहुरेंगे। साथ ही समृद्धि और खुशहाली के नए द्वार खुल सकेंगे।

केन-बेतवा मुख्य नहर से दो चैनल बनाकर महोबा में पानी लाया जाएगा। एक चैनल से उर्मिल डैम से सिलारपुर, मदनसागर, कीरत सागर, बीजानगर तालाब से होते हुए दिससरापुर तालाब में पानी पहुंचाया जाएगा।जबकि दूसरे चैनल से मझगवां डैम से होते हुए बेलासागर, कुलपहाड़, कमालपुरा व रैपुरा तालाब तक पानी लाया जाएगा। इस पर 5,735 करोड़ रुपये खर्च होंगे। यह कार्य आगामी तीन साल में पूरा होगा। अगले चरण में सभी 11 तालाबों से अतिरिक्त नहरों से पाइपलाइन बिछाकर प्रत्येक खेत में स्प्रिंकलर के माध्यम से सिंचाई की व्यवस्था की जाएगी।

सदन में पूर्व सांसद ने की थी मांग

बुंदेलखंड में सिंचाई व पेयजल संकट से निपटने के लिए नदी जोड़ो परियोजना की मांग पूर्व सांसद कुंवर पुष्पेंद्र सिंह चंदेल ने 21 जून 2019 को संसद में की थी। तब तत्कालीन जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने उनकी मांग को जायज बताते हुए कैबिनेट की बैठक में केन-बेतवा लिंक परियोजना को मंजूरी दी थी। इससे पहले वर्ष 2017 में पूर्व सांसद ने तत्कालीन जलशक्ति मंत्री उमा भारती के साथ हेलीकॉप्टर से सर्वे कर सूखाग्रस्त जिले में सिंचाई और पेयजल के लिए पानी की समस्या पर सरकार का ध्यानाकर्षण कराया था।

बढ़ेगा सिंचाई का दायरा

जनपद में उर्मिल डैम से 4676.36 हेक्टेयर, सलारपुर बांध से 4449.02 हेक्टेयर, कीरत सागर सरोवर से 951.45 हेक्टेयर, बीजागर तालाब से 840 हेक्टेयर, दिसरापुर बांध से 3049.86 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होगी। जबकि चैनल दो से मझगवां बांध 23354 हेक्टेयर, बेला सागर से 8343.13 हेक्टेयर, कुलपहाड़ तालाब से 1037.01 हेक्टेयर, कमालपुरा तालाब से 1756.44 हेक्टेयर, रैपुरा बांध से 4425.93 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और क्षेत्र में खुशहाली आएगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / उपेन्द्र द्विवेदी

   

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