सख्त नियमाें के साथ 28 फरवरी से शुरु हाेगा खाटू का लक्खी मेला
- Admin Admin
- Feb 15, 2025

सीकर, 15 फ़रवरी (हि.स.)। खाटूश्यामजी के लक्खी मेले की 28 फरवरी से शुरुआत होगी। करीब बारह दिन चलने वाले मेले में 10 से ज्यादा देशों से श्रद्धालु पहुंचेंगे।
पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के काेने कोने से हजारों की संख्या में भी पदयात्रा भी खाटूनरेश के धाम पहुंचेंगी।
हर साल मेले में बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए इस साल के मेले के लिए भी बड़े पैमाने पर तैयारियां की गई हैं। बाबा के निशान, इत्र, गुलाब के फूलों को लेकर भी नए नियम तय हुए हैं।
जयपुर से रींगस तक हाईवे के किनारे पदयात्रियों के लिए नया रास्ता बनाया जा रहा है।
खाटूश्यामजी के मेले के दौरान जयपुर की ओर से सबसे ज्यादा पदयात्रा पहुंचती हैं। इनका रूट जयपुर-बीकानेर हाईवे से होता है। ऐसे में जयपुर से रींगस तक पदयात्रियों को हैवी ट्रैफिक के साथ करीब 60 किलोमीटर का सफर तय करना होता है।
हर साल कई एक्सीडेंट भी होते हैं, लेकिन इस साल नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया इन पदयात्रियों के लिए जयपुर से रींगस तक अलग से पाथ-वे बना रहा है।
जो 25 फरवरी तक पूरा हाेगा। ये पाथ-वे करीब 48 किलोमीटर का है। ये करीब 10 फीट चौड़ा बनेगा। इसमें करीब सात करोड़ रुपये खर्च होंगे। रींगस से खाटू तक पदयात्रियों के लिए अलग से रास्ता बना हुआ है।
मेले की तैयारियाें के तहत रींगस से खाटू तक कारपेट बिछाया जाएगा। पहले की तरह 14 लाइन से ही दर्शन कराया जाएगा। चार लाइन कबूतर चौक से स्टार्ट होंगी। दो लाइन गुवाड़ चौक और आठ लाइन निकासी वाली रहेंगी। मंदिर कमेटी अपने सोशल मीडिया पेज और वेबसाइट पर दर्शनों का समय व अन्य जानकारियां शेयर करेगी। मेला मजिस्ट्रेट के अनुसार इस साल ई-रिक्शा और पदयात्रियों के लिए अलग-अलग रास्ते होंगे। प्रशासन करीब 7.40 करोड़ की लागत से एक नया स्थाई मार्ग तैयार कर रहा है। ये रास्ता 52 बीघा पार्किंग से श्याम तोरण द्वार तक बन रहा है। इस साल बिना लाइसेंस वाली ई-रिक्शा पर भी प्रशासन सख्ती करेगा। मंडा मोड़ व रींगस के खाटू मोड़ से मंदिर तक छोटे वाहनों का आवागमन प्रतिबंधित रहेगा। खाटू में आठ फीट से ज्यादा ऊंचाई वाले निशान बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। मंदिर में कांच की बोतल पर बैन रहेगा। कांटों वाले गुलाब के फूल, छोटी कांच की बोतल और इत्र की कांच की बोतल बेचने वालों पर कार्रवाई होगी। भंडारा लगाने का समय तय किया जाएगा। भंडारा अनुमति के समय एक निर्धारित शुल्क लिया जाएगा, जिसका उपयोग मेला खत्म होने के बाद सफाई सहित अन्य काम करवाने के लिए किया जाएगा।
सरकारी प्रोटोकॉल वाले वीआईपी को छोड़कर सभी के लिए वीआईपी दर्शन व्यवस्था पूरी तरह बंद रहेगी। श्रद्धालुओं को सुगम दर्शन कराने के लिए क्यूआर कोड जारी किया जाएगा। श्रद्धालु यह क्यूआर कोड स्कैन कर मंदिर परिसर तक आसानी से पहुंच सकेंगे और दर्शन करेंगे। धारा-144 के तहत रींगस रोड से ही डीजे बैन रहेगा। शराब पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / रोहित