कोलकाता पोर्ट पर पहली बार शुरू हुई नाइट नेविगेशन, हुगली नदी में ऐतिहासिक उपलब्धि

कोलकाता, 03 मई (हि. स.)। श्यामा प्रसाद मुखर्जी पोर्ट, कोलकाता (एसएमपीके) ने हुगली नदी के ऊपरी हिस्सों में पहली बार नाइट नेविगेशन की शुरुआत कर एक नया इतिहास रच दिया है। शनिवार को बजबज से समुद्र तक रात में नेविगेशन की सुविधा शुरू की गई। यह कदम पोर्ट की संचालन क्षमता और दक्षता बढ़ाने में अहम माना जा रहा है।

पोर्ट के अधिकारी संजय मुखर्जी ने बताया कि इस पहल से कोलकाता डॉक सिस्टम (केडीएस) पर आने वाले जहाजों का टर्नअराउंड समय घटेगा और प्री-बर्थिंग डिटेंशन में भी कमी आएगी। 232 किलोमीटर लंबा यह नदी मार्ग, जिसमें कई जगहों पर गहराई की सीमाएं और तेज ज्वारीय धाराएं रहती हैं, पोर्ट के संचालन के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है।

अधिकारी ने बताया कि अब तक डायमंड हार्बर और कोलकाता के बीच रात में नेविगेशन संभव नहीं था, जिससे उच्च ज्वार के समय भी इसका पूरा लाभ नहीं उठाया जा सकता था। लेकिन अब इलेक्ट्रॉनिक चार्ट्स, नेविगेशनल सिमुलेटर और अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए यह सुविधा संभव हो पाई है। पोर्ट ने ट्रैक लाइट्स, ट्रांजिट लाइट्स और चैनल बाय्स जैसी महत्वपूर्ण नेविगेशनल सुविधाओं को भी सुदृढ़ किया है।

नेशनल टेक्नोलॉजी सेंटर फॉर पोर्ट्स, वाटरवेज एंड कोस्ट्स (एनटीसीपीडब्ल्यूसी), आईआईटी मद्रास ने इस परियोजना के लिए विस्तृत अध्ययन और रोडमैप तैयार किया था। आईआईटी मद्रास और एआरआई द्वारा स्थापित नेविगेशनल सिमुलेटर अब पायलट प्रशिक्षण और रियल-टाइम विश्लेषण के लिए काम कर रहा है।

शनिवार तड़के नाइट नेविगेशन की पहली सफल यात्रा कंटेनर जहाज 'एम वी सीनार पेनिडा' ने पूरी की। 117 मीटर लंबे और छः टर ड्राफ्ट वाले इस जहाज ने 8,000 टन कार्गो के साथ बजबज से समुद्र तक का सफर रात के अंधेरे में सुरक्षित पूरा किया। इस सफलता के साथ हुगली नदी में नेविगेशन के एक नए युग की शुरुआत हो गई है।

एसएमपीके के चेयरमैन रथेंद्र रमन ने कहा कि यह दिन पोर्ट के इतिहास में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक पहल से पोर्ट की दक्षता और टर्नअराउंड समय में जबरदस्त सुधार होगा। भविष्य में हम गहरे ड्राफ्ट वाले बड़े जहाजों के लिए भी नाइट नेविगेशन की सुविधा विकसित करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं।

एसएमपीके के डिप्टी चेयरपर्सन सम्राट राही ने बताया कि नाइट नेविगेशन शुरू होने से रोजाना ज्यादा जहाजों को संभाला जा सकेगा, जिससे पोर्ट की बर्थ उपलब्धता और थ्रूपुट में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि 24 घंटे संचालन से चैनल में भीड़भाड़ कम होगी और पोर्ट के प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों जैसे प्री-बर्थिंग डिले, बर्थ ऑक्यूपेंसी रेट और शिप-डे प्रोडक्टिविटी में स्पष्ट सुधार होगा। यह रणनीतिक पहल पोर्ट को वैश्विक स्तर पर और अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर

   

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