दिवंगत नेता सीताराम येचुरी की याद में तालकटोरा स्टेडियम में शोक सभा

नई दिल्ली, 28 सितंबर (हि.स.)। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के दिवंगत नेता सीताराम येचुरी की याद में शनिवार को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में शोक सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम में दिवंगत नेता की याद में 1 मिनट का मौन रखा गया।

शोकसभा में विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, भाकपा नेता डी राजा, राजद नेता मनोज झा, सपा नेता रामगोपाल यादव, एनसीपी (शरदचंद पवार) नेत्री सुप्रिया सुले, झामुमो की महुआ माजी और द्रमुक की कनिमोझी सहित राजनीतिक एवं अन्य पृष्ठभूमि के नेता शामिल थे। माकपा नेता प्रकाश करात एवं बृंदा करात सहित सभी नेताओं ने एक-एक कर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी।

दिवंगत नेता को याद करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सीताराम येचुरी ने आईएनडीआई ब्लॉक को तैयार करने में बड़ी भूमिका निभाई। वे लोकतंत्र में विश्वास रखते थे। उन्होंने मनरेगा जैसी जन लाभकारी योजना को लाने में सहयोग किया। वे सबको साथ लेकर चलने वाले व्यक्ति थे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि सीताराम येचुरी सबकी राय बड़े ध्यान से सुनते थे और लोगों को साथ लाकर का काम करते थे। उनमें क्रोध, घमंड नहीं था और उनपर विश्वास किया जा सकता था। उन्होंने देश की बेहतरी के लिए वह सब किया जो संभव था।

केरल के मुख्यमंत्री और माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य पिनाराई विजयन ने कहा कि वह मार्क्सवादी विचारक थे जिन्हें भारतीय इतिहास, समाज, संस्कृति और राजनीति का अच्छा ज्ञान था। उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों को एक साथ लाने का काम किया था। द्रमुक नेत्री कनिमोझी ने कहा कि सीताराम येचुरी ऐसे नेता थे जो लोकतंत्र, एकता और भारत की विविधता के लिए हमेशा खड़े रहे।

नेशनल कांफ्रेंस नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि उनका गरीबी हटाने, नफरत की राजनीति खत्म करने और भाईचारा बढ़ाने में बड़ा योगदान रहा है। पोलित ब्यूरो में उनके साथी प्रकाश करात ने कहा कि उनका 50 साल का साथ रहा है, वे हिंदुत्व की राजनीति के प्रखर विरोधी थे।

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हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा

   

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