शीशमहल का काला सच जनता के सामने लाएं केजरीवालः विजेंद्र गुप्ता
- Admin Admin
- Dec 28, 2024
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (हि.स.)। दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने आज एक बार फिर से आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास 6, फ्लैग स्टाफ रोड में किए गए अवैध निर्माण और उसमें लगाये गये महंगे संसाधनों को लेकर केजरीवाल को कटघरे में खड़ा किया। गुप्ता ने उन्हें चुनौती देते हुए कहा कि वे खुद सामने आकर जनता को अपने इस शीश महल का काला सच बतायें।
दिल्ली प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए विजेंद्र गुप्ता ने अरविंद केजरीवाल से सवाल किया कि आखिर उनकी ऐसी क्या योजना थी, जिसमें दो सौ करोड़ रुपये की लागत से अवैध निर्माण करने की तैयारी की जा रही थी।
गुप्ता ने आम आदमी पार्टी के 'ईमानदार' मुखिया पर तंज कसते हुए कहा कि सभी सात सरकारी संपत्तियों को मिलाने के लिए किसी सक्षम अथॉरिटी से अनुमति नहीं ली गई और इसी कारण सरकारी रिकॉर्ड में आज भी ये संपत्तियां बंगला नंबर 45, 47 राजपुर रोड और 8-ए तथा 8-बी फ़्लैग स्टाफ़ रोड के रूप में ही दर्ज हैं, जबकि 6, फ्लैग स्टाफ रोड का हिस्सा बनने के बाद इनका कोई अस्तित्व ही नहीं बचा है।
गुप्ता ने कहा कि 6, फ्लैग स्टाफ रोड के मुख्यमंत्री आवास पर कुछ और भी अवैध निर्माण अधूरा पड़ा है, जिसका खुलासा होने के बाद केजरीवाल ने आनन फानन में उस निर्माण कार्य को बंद करवा दिया।
गुप्ता ने कहा कि यह निर्माण कार्य बदस्तूर जारी रहता यदि विपक्ष इस मामले को जनता के सामने ना लाता। गुप्ता ने कहा कि इसमें सिर्फ निर्माण कार्य में ही अनियमितताएं नहीं बरती गईं, बल्कि इस सरकारी आवास में करोड़ों रुपये का आरामदायक लग्जरी साजो-सामान भी लगा दिया गया। यह वह दौर था जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था और केजरीवाल अपने इस आलीशान शीश महल को सजाने के लिए इसमें महंगे सामान को जुटाने की खातिर ‘नई शराब नीति’ की इबारत लिख रहे थे। पुरानी शराब नीति के होते हुए भी ‘नई शराब नीति’ बनाने का मकसद सिर्फ शराब माफिया को फायदा पहुंचाना था, जिसके बदले में केजरीवाल ने अपने शीश महल में सोने की कमोड, 28 लाख के टीवी, करोड़ों के पर्दे, महंगे सोफे, रीक्लाइनिंग चेयर्स जैसा लग्जरी सामान जुटा लिया।
गुप्ता ने बताया कि 2022 में पीडब्ल्यूडी ने बतौर मुख्यमंत्री केजरीवाल के इस भवन में उन्हें जो जो सामान उपलब्ध करवाया था और 2024 पर जब उन्होंने उसे खाली किया और उस समय जो इन्वेंटरी लिस्ट बनाई गई, दोनों में बड़ा अंतर था। 2024 में बंगले में लगा सामान 2022 में उपलब्ध करवाये गये सामान से आठ गुना ज्यादा पाया गया।
गुप्ता ने कहा कि ऐसे में सवाल उठता है कि यदि पीडब्ल्यूडी ने यह सामान नहीं दिया तो यह सामान आया कहां से? गुप्ता ने सवाल किया कि क्या केजरीवाल ने खुद यह सामान अपने पैसों से खरीदा तो उसका खुलासा करें। लेकिन इस पूरे मामले में केजरीवाल की चुप्पी जता रही है कि शराब माफिया ने ही उन्हें यह सामान दिया, जिसके फायदे के लिए केजरीवाल ने शराब की बिक्री पर मिलने वाले कमीशन को 5 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया और इस बढ़ाई गई कमीशन की रकम का मोटा हिस्सा केजरीवाल को सहूलियत और आरामदायक संसाधन सामान उपलब्ध करवाने में खर्च किया गया।
गुप्ता ने कहा कि इस मामले में भ्रष्टाचार की शिकायत विपक्ष द्वारा किए जाने के बाद ही केंद्रीय सतर्कता आयोग में शिकायत दर्ज करवाने के बाद आयोग ने दिल्ली सतर्कता विभाग को जांच के लिये कहा और जिसने जांच को आगे बढ़ाते हुए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को इस मामले में पांच दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा, लेकिन अभी तक उसकी ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी