हिंदी, डोगरी और पंजाबी भाषाओं के प्रमुख कवियों-कवयित्रियों ने बाँधा समां

जम्मू, 1 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, आरबीपीएस जम्मू ने महात्मा गांधी लाइब्रेरी, नानक नगर जम्मू स्थित अपने कार्यालय में बहुभाषी कवि गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें हिंदी, डोगरी और पंजाबी भाषाओं के प्रमुख कवियों और कवयित्रियों ने भाग और समां बाँध दिया। कवि गोष्ठी में भाग लेने वाले कवियों और कवयित्रियों में चंद्रोदय, डॉ. बलजीत सिंह रैना, संजीव भसीन, अमिता मेहता, गिरिजा शर्मा, अभिमन्यु शर्मा और राजेश्वर सिंह 'राजू' शामिल रहे।

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रभाषा प्रचार समिति जम्मू के सचिव प्रो. भारत भूषण शर्मा ने समिति की निरंतर गतिविधियों का विस्तृत ब्यौरा देते हुए की। उन्होंने कहा कि हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी को बढ़ावा देना हमारा कर्तव्य है लेकिन क्षेत्रीय भाषाओं को भी उचित मान्यता दी जानी चाहिए और इसके लिए उनकी संस्था अक्सर बहुभाषी कार्यक्रम आयोजित करती रहती है। उन्होंने आश्वासन दिया कि संस्था भविष्य में भी साहित्यिक सम्मेलनों का आयोजन करती रहेगी जिससे महत्वाकांक्षी प्रतिभाओं को मंच मिल पाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर प्रशासन राष्ट्र के इस हिस्से जो एक गैर-हिंदी भाषी क्षेत्र है में ठोस प्रयासों के साथ राष्ट्रभाषा को बढ़ावा देने में मदद करेगा।

अभिमन्यु शर्मा ने अपने भाषण में सभी प्रतिभागियों को उनकी विचारोत्तेजक प्रस्तुतियों के लिए बधाई दी और आशा व्यक्त की कि ऐसे मंच दूसरों को भी अपनी भावनाओं को कविता के रूप में अपव्यक्त करने के लिए प्रेरित करेंगे। इस अवसर पर डॉ. बलजीत सिंह रैना ने कहा कि बहुभाषी कवि गोष्ठियाँ प्रतिभागियों के साथ-साथ साहित्य प्रेमियों को विभिन्न भाषाओं में लिखी गई कविताओं का आनंद लेने का अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि साहित्यकारों का ऐसा मिलन एक दूसरे से बातचीत करने का अवसर प्रदान करता है जो साहित्यिक आंदोलन के लिए आवश्यक है।

हिन्दुस्थान समाचार / राहुल शर्मा / बलवान सिंह

   

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