हिसार: तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में विज्ञान व तकनीक की भूमिका अग्रणी : प्रो. नरसी राम बिश्नोई

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता एम.एन. दोजा को सम्मानित करते कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई।

‘यूनिवर्सिटी टू स्टार्ट-अप्स इगनिटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन

हिसार, 20 सितंबर (हि.स.)। गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने कहा है कि तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में विज्ञान और तकनीक की भूमिका अग्रणी है। भारत एवं प्रगतिशील हरियाणा इस दिशा में नेतृत्व करने की क्षमता रखते हैं।

कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई शुक्रवार को विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग के सौजन्य मनाए गए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस उपलक्ष्य में विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार में ‘यूनिवर्सिटी टू स्टार्ट-अप्स इगनिटिंग यंग माइंड्स टू इनोवेट’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कुलपति ने कहा कि 11 मई 1998 को पोखरण में परमाणु विस्फोट करके भारत में रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम उठाया था। इस दिन दुनिया को भारत की तकनीकी क्षमताओं का आभास हुआ। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अपने विद्यार्थियों को अनुसंधान तथा नवाचार के लिए प्रोत्साहित करें व उनमें तार्किक सोच विकसित करें। राष्ट्र निर्माण तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक करें। प्रो. बिश्नोई ने कहा कि गुजविप्रौवि इस दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है। विश्वविद्यालय के पंडित दीनदयाल इक्युबेशन एवं इनोवेशन सेंटर के माध्यम से विद्यार्थियों को स्टार्ट अप के लिए प्रेरित किया जा रहा है। दस स्टार्ट अप आइडियाज पर काम शुरू हो चुका है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता प्रो. एमएन दोजा ने कहा कि आज के युवाओं के लिए अवसरों की कमी नहीं है बल्कि जरूरत है कि युवा इन अवसरों का लाभ उठाएं। पहले के दौर में संचार व्यवस्थाओं और तकनीक की कमी के कारण युवाओं के पास अवसरों की कमी थी। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि हाथों की लकीरों में कुछ नहीं लिखा हुआ है, जो कुछ लिखा है आपकी मेहनत में है। स्टार्ट अप के लिए नए आइडियाज विकसित करें तथा इनको लागू करने के लिए कार्य करें।

विभागाध्यक्ष प्रो. ओमप्रकाश स्वागत सम्बोधन में कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा प्रस्तुत की तथा कहा कि यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा। कार्यक्रम समन्वयक प्रो. ज्योति ने धन्यवाद किया। सायं के सत्र में भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सीईईआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डा. धीरज तथा चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय, सिरसा के कंप्यूटर एप्लीकेशंस विभाग के अध्यक्ष प्रो. हरीश रोहिल ने प्रतिभागियों को बतौर विषय विशेषज्ञ सम्बोधित किया। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डा. साक्षी, कार्यक्रम सह-समन्वयक डा. अनुपमा सांगवान, आयूष शर्मा, अमित कुमार, आनंद कुमार, पवन, रेखा व बिंदू उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर

   

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