त्वचा की देखभाल के लिए प्राकृतिक और हस्त निर्मित पर्यावरण अनुकूल साबुन बनाने का गुर सिखाया

-डीएसबी परिसर में स्किन केयर पर विशेष कार्यशाला का आयोजन

नैनीताल, 6 अगस्त (हि.स.)। कुमाऊं विश्वविद्यालय के डीएसबी परिसर में मंगलवार को विज्ञान के शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए ‘त्वचा की देखभाल के लिए प्राकृतिक और हस्तनिर्मित पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ तकनीक’ विषय पर एक विशेष तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला का शुभारंभ कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीएस रावत ने किया।

कुमाऊं विश्वविद्यालय की इनोवेशन एंड इंक्यूबेशन सेल, रसायन विज्ञान विभाग, और इंटरनल क्वालिटी एश्योरेंस सेल के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञ के तौर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के मैत्रेयी कॉलेज की प्रो. हेमा भंडारी ने दाढ़ी बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले हर्बल और रसायन मुक्त नहाने, कपड़े और बर्तन धोने और फल-सब्जियाँ साफ करने के साबुन, हर्बल फेशियल किट और हर्बल लिप बाम बनाने सिखाये। उन्होंने बताया कि हमारी त्वचा से जुड़े उत्पादों में हानिकारक रसायन होने की संभावना अधिक होती है।

कुलपति डॉ. रावत ने कहा कि कार्यशाला से सीखकर अगर कोई प्रतिभागी नया उत्पाद बनाता है तो उसे विश्वविद्यालय की ओर से नकद पुरस्कार के साथ ही आगे बढ़ने के लिए हर संभव सहयोग किया जाएगा। परिसर निदेशक प्रो. नीता बोरा शर्मा, विज्ञान संकायाध्यक्ष प्रो. चित्रा पांडे ने भी विचार रखे।

कार्यशाला में प्रॉक्टर एचसीएस बिष्ट, डॉ. आशीष तिवारी, प्रो. गीता तिवारी, डॉ. पैनी जोशी, डॉ. लज्जा भट्ट, डॉ. रीना सिंह, डॉ. हरिप्रिया पाठक, डॉ. नंदन मेहरा, डॉ. हृदयेश शर्मा, डॉ. नवीन पांडे, डॉ. हेम जोशी, डॉ. विजेन्द्र, डॉ. दलीप, डॉ. ऋचा, प्रो. लता पांडे, प्रो. एनजी साहू, प्रो. शहराज अली, डॉ. सुहेल जावेद, डॉ. ललित मोहन, डॉ. गिरीश खर्कवाल, डॉ. दीपशिखा जोशी, आंचल अनेजा, डॉ. आकांक्षा रानी, गरिमा, स्वाति, आभा, मनीषा व योगेश तथा एमएससी और बीएससी के विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. नवीन चन्द्र जोशी / दधिबल यादव

   

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