विश्वभारती में सेमिनार के दौरान वामपंथी छात्रों का विरोध प्रदर्शन
- Admin Admin
- Nov 22, 2024
कोलकाता, 22 नवंबर (हि.स.)। विश्वभारती विश्वविद्यालय के भाषा भवन (स्कूल ऑफ लैंग्वेज) द्वारा शुक्रवार को लिपिका ऑडिटोरियम में एक सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली स्थित संगठन डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी रिसर्च फाउंडेशन (एसपीएमआरएफ) का सहयोग रहा। इस सेमिनार का विषय था, 'भारत सरकार द्वारा शास्त्रीय भाषाओं की घोषणा : बांग्ला, मराठी, असमिया, पाली और प्राकृत भाषाओं और साहित्य पर प्रभाव'। इस कार्यक्रम में विश्वभारती के शिक्षक और विद्यार्थी उपस्थित थे।
सेमिनार की शुरुआत में ही वामपंथी छात्र संगठनों से जुड़े कुछ छात्रों ने ऑडिटोरियम में प्रवेश कर नारेबाजी शुरू कर दी। थोड़ी देर तक चले इस हंगामे के बाद सुरक्षा कर्मियों ने हस्तक्षेप कर उन्हें बाहर निकाल दिया, और सेमिनार निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहा।
भाषा भवन के प्रिंसिपल डॉ. मनोरंजन प्रधान ने कहा, यह एक गैर-राजनीतिक कार्यक्रम है। हमारा मानना था कि इस सेमिनार से हमें लाभ होगा क्योंकि इसमें प्रतिष्ठित विद्वान चर्चा करेंगे। विरोध प्रदर्शन यहां कोई नई बात नहीं है। वे हमारे ही छात्र हैं, मैंने उन्हें समझाया और वे स्थान छोड़कर चले गए।
विरोध कर रहे छात्रों का आरोप था कि इस आयोजन में सह-आयोजक एसपीएमआरएफ का संबंध आरएसएस और भाजपा से है और यह विश्वविद्यालय परिसर को भगवाकरण की ओर ले जाने का प्रयास है। एसपीएमआरएफ के अधिकारी और पिछले विधानसभा चुनाव में बोलपुर से भाजपा उम्मीदवार रहे अनिर्बाण गांगुली ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा, सच्चाई यह है कि न तो आरएसएस और न ही भाजपा कोई प्रतिबंधित संगठन हैं। यह एक शुद्ध रूप से शैक्षणिक कार्यक्रम है और इसका कोई राजनीतिक उद्देश्य नहीं है। विश्वविद्यालय में हर प्रकार की विचारधाराओं का स्वागत होना चाहिए। तथाकथित विरोध प्रदर्शन इस सेमिनार को बाधित नहीं कर सका। हम इस सेमिनार में वक्ताओं द्वारा दिए गए मूल्यवान व्याख्यानों को प्रकाशित करेंगे।
सेमिनार शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ और इसमें शास्त्रीय भाषाओं और साहित्य पर महत्वपूर्ण चर्चाएं की गईं।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर