भारत के सांस्कृतिक उत्थान अग्रदूत है लोकमाता अहिल्याबाई : डॉ.कृष्णगोपाल
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- Jan 03, 2025
अजमेर, 3 जनवरी(हि.स.)। एक हजार वर्षों तक विदेशी बर्बर आक्रमणों के कारण विध्वंस हुए भारत की आस्था और संस्कृति के प्रतीकों को इंदौर की रानी अहिल्याबाई होल्कर ने ढूंढ-ढूंढ कर उनका जीर्णोद्धार अथवा पुनर्निर्माण करवाया। जहां जैसी आवश्यकता रही तीर्थ स्थलों और सांस्कृतिक केंद्रों का योजनाबद्ध विकास अहिल्याबाई होलकर के द्वारा किया गया। इसलिए वास्तविक अर्थों में माता अहिल्याबाई होल्कर भारत के सांस्कृतिक उत्थान की अग्रदूत रही हैं।
यह विचार शुक्रवार को पुष्कर में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के 300 वें वर्ष के उपलक्ष में आयोजित धर्म सभा में बोलते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉक्टर कृष्ण गोपाल ने व्यक्त किये।
इस अवसर पर उपस्थित विशाल जन समूह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपने हृदय में प्राणी मात्र के प्रति अगाध संवेदना रखकर अपनी न्यायप्रियता और लोक कल्याणकारी शासन की पद्धति के कारण उन्हें जनता ने लोकमाता के रूप में स्वीकार किया। अपने जीवन में अनगिनत कष्टों को झेलते हुए भी वें कभी अपने कर्तव्य मार्ग से तनिक भी विचलित नहीं हुई और राज्य के समय कार्य को शिव की आज्ञा मानकर धर्म की मर्यादा में शासन का आदर्श उदाहरण पेश किया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि भानपुरा पीठ के परम पूज्य जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद महाराज तथा मुख्य अतिथि लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के वंशज उदयराजे होलकर रहे साथ ही शीतल शेखावत की भी विशिष्ट उपस्थिति रही।
अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी समारोह समिति के संरक्षक रामनिवास वशिष्ठ तथा अध्यक्ष दशरथ सिंह जी तंवर ने सभी महानुभावों का स्मृति चिन्ह श्रीफल भेंट कर स्वागत सत्कार किया।
होल्कर घाट पर किया दीपदान
पुण्यश्लोका अहिल्या बाई होल्कर के तीर्थ नगरी पुष्कर में आयोजित चार दिवसीय त्रिशताब्दी जयंती समारोह के तीसरे दिन होल्कर घाट पर दीपदान व महाआरती का आयोजन किया गया। अहिल्या बाई होल्कर त्रिशताब्दी जन्म जयंती समारोह समिति की ओर से होल्कर घाट पर आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत आयोजन समिति के पदाधिकारियों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पुष्कर सरोवर के पूजन व दुग्धाभिषेक के साथ की गई। तत्पश्चात प्रसिद्ध नगाड़ा वादक नाथूलाल सोलंकी के नगाड़ा व शंख वादन की प्रस्तुति दी। इस मौके पर उपस्थित सनातन प्रेमियों ने पूरे घाट पर दीपदान किया। तत्पश्चात पं. रविकांत शर्मा ने सरोवर की महाआरती की। इस अवसर पर नगर परिषद के निवर्तमान सभापति कमल पाठक, आयोजन समिति के अध्यक्ष दशरथ सिंह तंवर, संरक्षक रामनिवास वशिष्ठ, नंदकिशोर पाराशर, बालकिशन पाराशर, शिवस्वरूप महर्षि, नंदूलाल पंवार, नेहरू पंडित, रोहन बाकोलिया, धीरज जादम, भुवनेश पाठक, घनश्याम भाटी, लक्ष्मीदेवी पाराशर, मंजू शर्मा, विष्णु शर्मा, महेंद्र सिंह मंझेवला, मुकेश कुमावत सहित बड़ी संख्या में हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ता मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / संतोष