एम. नागराजू ने जन शिकायतों का समयबद्ध तरीके से समाधान करने के दिए निर्देश 

नई दिल्ली, 01 जनवरी (हि.स.)। वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू ने जन शिकायतों का समयबद्ध तरीके से समाधान करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, पीएसआईसी के अध्यक्ष, एमडी और ईडी स्तर के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को हर महीने हल की गई शिकायतों के समाधान की गुणवत्ता की निगरानी के लिए कम से कम 20 मामलों की समीक्षा करनी चाहिए।

डीएफएस सचिव एम. नागराजू ने बुधवार को जन शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए शिकायतकर्ता, पीएसबी, बीमा कंपनियों और नियामकों के साथ बैठक की।उन्होंने समाधान की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) और बीमा कंपनियों की सार्वजनिक शिकायतों की समीक्षा की। उन्होंने

सबसे पहले 26 दिसंबर, 2024 को आयोजित प्रगति बैठक में दिए गए प्रधानमंत्री के निर्देश को दोहराया कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, पीएसआईसी के अध्यक्ष, एमडी और ईडी स्तर के सभी वरिष्ठ अधिकारियों को हर महीने हल की गई शिकायतों के समाधान की गुणवत्ता की निगरानी के लिए कम से कम 20 मामलों की समीक्षा करनी चाहिए।

समीक्षा बैठक के दौरान डीएफएस सचिव ने पाया कि अधिकांश ग्राहक किसी संगठन के विरुद्ध वास्तविक शिकायत के कारण शिकायतें करते हैं तथा उन्होंने इस बात पर बल दिया कि ग्राहक संतुष्टि ही शिकायत निवारण तंत्र का मूल लक्ष्य है।

नागराजू ने इस बात पर भी जोर दिया कि शिकायत निवारण में किसी भी प्रकार की लापरवाही ग्राहक सेवा की भावना के विरुद्ध है तथा इससे संगठन की प्रतिष्ठा या ब्रांड वैल्यू प्रभावित होती है। उन्होंने निर्देश दिया कि जन शिकायतों का समय पर ईमानदारी एवं सकारात्मक तरीके से समाधान किया जाए। डीएफएस सचिव ने समान प्रकृति की बार-बार आने वाली शिकायतों को कम करने के लिए उपयुक्त तकनीकी या आईटी समाधान तैयार करने पर भी जोर दिया है, जिससे समाधान में लगने वाले समय की बचत होगी और समाधान प्रक्रिया की दक्षता बढ़ेगी।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर

   

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