- गंधार ने डॉ. भार्गव की दृढ़ता और साहस की प्रशंसा की
- डॉ. निशा भार्गव का व्यक्तित्व है बहुमुखी : प्रेम विज
- डॉ. भार्गव साहित्य को दे रहीं हैं आयाम: डॉ. विनोद शर्मा
-आयोजन कर्मठ व्यक्तित्व की प्रशंसा, कृतज्ञता और पुरानी यादों से था लबालब
चंडीगढ़। चंडीगढ़ के मेहर चंद महाजन डीएवी महिला महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. निशा भार्गव को भावभीनी विदाई दी। अर्थशास्त्र विशेषज्ञ और कवयित्री डॉ. भार्गव का 38 वर्षों से अधिक का उत्कृष्ट करियर रहा और 9 वर्षों तक उन्होंने कॉलेज में प्राचार्या के रूप में काम किया। यह आयोजन उनके कर्मठ व्यक्तित्व की प्रशंसा, कृतज्ञता और पुरानी यादों से भरा हुआ था। इस कार्यक्रम में कॉलेज के संकाय सदस्य, प्राचार्या के परिवारजन और सम्मानित अतिथि डॉ. भार्गव के विशिष्ट करियर का सम्मान करने के लिए एकत्रित हुए और संस्थान के प्रति उनके समर्पण, नेतृत्व और असीम योगदान की सराहना की। इस कार्यक्रम को डीएवी कॉलेज मैनेजिंग कमेटी के उपाध्यक्ष एचआर गंधार, सुदेश गंधार, सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, नई दिल्ली के महासचिव डॉ. गुरदीप शर्मा, परिवार के सदस्य कर्नल आर के शर्मा, तन्वी शर्मा, पुरुषार्थ महाजन, अक्षत शर्मा और कनिका शर्मा की गरिमामयी उपस्थिति ने यादगार बना दिया। रजिस्ट्रार सुमन महाजन ने डीएवी कॉलेज प्रबंध समिति, नई दिल्ली कार्यालय से प्राप्त प्रशंसा पत्र पढ़ा। गंधार ने औपचारिक रूप से डॉ. भार्गव को यह पत्र भेंट किया, जिसमें उनके वर्षों की समर्पित सेवा को मान्यता दी गई। इसके बाद, कॉलेज द्वारा जारी ‘प्रशस्ति पत्र’ पढ़ा गया, जिसमें डॉ. भार्गव के अपार योगदान और कॉलेज समुदाय में उनके प्रति सम्मान को व्यक्त किया गया था। भावपूर्ण शब्दों से सम्मान ज्ञापित करते हुए गंधार ने डॉ. भार्गव की दृढ़ता और साहस की प्रशंसा की। साहित्यकार व संवाद साहित्य मंच के अध्यक्ष प्रेम विज ने कहा कि डा. निशा भार्गव बहुमुखी व्यक्तित्व की धनी हैं। वह एक श्रेष्ठ शिक्षिका, कुशल प्राचार्य और संवेदनशील लेखिका है। आपके नेतृत्व में मेहरचंद महाजन डीएवी कॉलेज (महिला) ने बुलंदियों को छुआ है। आपने लेखन कार्यों से हिंदी साहित्य को समृद्ध किया है। मंच ने उन के उज्जवल भविष्य की कामना की और आशा व्यक्त की है कि पहले की तरह अपने कार्यों को जारी रखेंगी। संवाद साहित्य मंच के उपाध्यक्ष डॉ विनोद शर्मा ने संदेश में कहा कि डॉ. निशा भार्गव ने एमसीएम डीएवी कॉलेज चंडीगढ़ को नई ऊंचाइयों में पहुंचाकर उत्तर भारत में नहीं बल्कि विश्व में पहचान बनाई है। वे बहुमुखी प्रतिभा से संपन्न हैं। उन्होंने विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए जो कार्य किया है वह प्रशंसनीय है। एक साहित्यकार के तौर मानव जाति के लिए रचनाओं के माध्यम से साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रही हैं। उनकी रचनाएं प्रेरणादायक एवं आशावादी होती हैं। डॉ शर्मा ने आशा व्यक्त की कि वे सेवानिवृत होने के पश्चात भी शिक्षा एवं साहित्यिक कार्यों को पूरे जोश के साथ जारी रखेंगीं।