चित्तौड़गढ़ विधायक ने सदन में उठाई मांग, साइबर थाने में दर्ज हो दो लाख से कम राशि के फ्राॅड

चित्तौड़गढ़, 6 फ़रवरी (हि.स.)। चित्तौडगढ़ विधायक चंद्रभानसिंह आक्या ने बुधवार को विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान साईबर फ्राड में दो लाख से कम राशि के अपराध चित्तौडगढ़ के साइबर थाने में दर्ज नहीं किए जाने का मुद्दा सदन में उठाया।

विधायक आक्या ने गुरूवार को विधानसभा सत्र में प्रश्नकाल के दौरान सदन में बोलते हुए कहा कि उनकी विधानसभा का साइबर ठगी से पीड़ित चित्तौडगढ़ के साईबर थाने में जाता है तो उसे यह बताया जाता है कि दो लाख या उससे ज्यादा के साईबर फ्राड पर ही उनकी रिपोर्ट साइबर थाने में दर्ज हो पाएगी। कम राशि के फ्राड पर पीड़ित को उसके संबंधित थाने पर जाकर रिपोर्ट दर्ज करानी होगी। इस वजह से विगत 3 वर्षो में चित्तौड़गढ़ के साइबर थाने में मात्र 36 मुकदमें ही दर्ज हो पाए हैं।

विधायक आक्या ने कहा कि अपराध छोटा हो या बड़ा अपराध ही होता है। राशि के आधार पर ऐसा भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। साइबर थाने में अनुभवी अधिकारी व कर्मचारी होते हैं, जो तकनीक से केस को हेण्डल कर सकते है। पीड़ित के संबंधित पुलिस थाने पर पहले से ही अतिरिक्त भार व जिम्मेदारियां होती है। वहां साईबर अपराध का खुलासा करना बेहद मुश्किल हो जाता है। विधायक आक्या ने दो लाख रुपए से कम की भी साइबर ठगी के मामले को साइबर थाने में दर्ज किए जाने की बात कही। इस पर प्रदेश सरकार के मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने साइबर थाने में राशि के आधार पर प्रकरण दर्ज नहीं किए जाने को गंभीरता से लेते हुए इस बाबत संबंधित थाने की जानकारी प्राप्त कर आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / अखिल

   

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