मप्र के खंडवा के कोंडावद गांव में एक साथ जलीं आठ चिताएं, कुएं की सफाई के दौरान जहरीली गैस से हुई थी मौत

अंतिम यात्रा में उमड़ी भीड़अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोग

खंडवा, 04 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में छैगांवमाखन थाना क्षेत्र अंतर्गत कोंडावद गांव में शुक्रवार सुबह एक साथ आठ चिंताएं जली तो मुक्तिधाम में मौजूद लोगों की आंखों से आंसू छलक उठे। एक दिन पहले गणगौर माता के जवारे विसर्जन के लिए कुएं की सफाई के दौरान जहरीरी गैस के रिसाव से आठ लोग कुएं में डूब गए थे और उनकी मौत हो गई थी। शुक्रवार को पोस्टमार्टम के बाद उनका गांव के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया। इस दौरान पिता को मुखाग्नि देने वाली बेटी का चेहरा देखकर सभी गमगीन हो गए।

दरअसल, निमांड अंचल में गणगौर पर्व के अंतिम दिन गुरुवार को रणुबाई को विदाई देने के लिए उत्साह का वातावरण रहा। ग्राम कोंडावत में भी ग्रामीणों द्वारा माता के रथ बौड़ाए गए थे। इन रथों के विसर्जन से पूर्व गांव में गणगौर माता की पूजा के साथ भंडारे भी हुए। शाम को जवारे विसर्जन की तैयारियां चल रही थीं। गांव के ही सार्वजनिक कुएं में जवारों का विसर्जन हर साल किया जाता है। जवारे विसर्जित करने से पूर्व सफाई व्यवस्था के लिए गांव के कुनबी समाज के लोग इस कुएं में उतरे, लेकिन वे वापस नहीं आए। अचेत होने लगे, तो इन्हें बचाने के लिए कुछ लोग और कुएं में उतर गए। एक के बाद एक आठ लोग कुएं में कूदे, लेकिन ये वापस नहीं लौट पाए। इसके बाद लोगों ने पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को सूचना दी। जानकारी मिलने के बाद पुलिस और प्रशासन की टीम के साथ ही होमगार्ड और एसडीईआरएफ का 15 सदस्यीय दल भी मौके पर पहुंच गया और ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।

इसकी सूचना पर खंडवा कलेक्टर ऋषभ गुप्ता, पुलिस अधीक्षक मनोज राय, एसडीएम बजरंग बहादुर सिंह भी मौके पर पहुंच गए। घटना को लेकर खंडवा कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने बताया कि गांव के कुछ लोग कुएं में सफाई के लिए उतरे थे, लेकिन कुएं में सल्फाइड या मिथेन जैसी जहरीली गैस बनी थी, जिससे इन लोगों के डूबने की आशंका हुई थी। पता किया गया तो यहां आठ लोग लापता थे। पुलिस, प्रशासन, होमगार्ड और एनडीआरएफ का एक संयुक्त अभियान चलाया।

पुलिस ने बताया कि करीब तीन घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद शव कुएं से बाहर निकाले जा सके। एसडीएम बजरंग बहादुर ने बताया कि मृतकों में राकेश (21) पुत्र हरी पटेल, वासुदेव (40) पुत्र आसाराम पटेल, अर्जुन (35) पुत्र गोविंद पटेल, गजानंद (35) पुत्र गोपाल पटेल, मोहन (48) पुत्र मंसाराम पटेल, अजय (25) पुत्र मोहन पटेल, शरण (40) पुत्र सुखराम पटेल और अनिल (28) पुत्र आत्माराम पटेल शामिल हैं। सभी आठ शवों को जिला अस्पताल ले जाया गया। रात 12 बजे तक डॉक्टरों की टीम ने पोस्टमॉर्टम किया।

शुक्रवार सुबह साढ़े आठ बजे सभी शवों को अलग-अलग वाहनों से गांव लाया गया। एंबुलेंस का काफिला पहुंचते ही गांव में चीख पुकार और हर आंख नम हो गई। गांव में एक साथ आठ अर्थियां निकली गई। शवों को यहां अंतिम श्रद्धांजलि के बाद मुक्तिधाम ले जाया गया। यहां आठ आर्थियों को परिवार के लोगों द्वारा अग्नि देते ही माहौल गमगीन हो गया। अंतिम संस्कार में आसपास के गांवों के लोग भी शामिल हुए। प्रशासन ने मृतकों के परिजन को चार-चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने का ऐलान किया है। -----------

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

सम्बंधित खबर