राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार से ननकाना साहिब तक कॉरिडोर बनाने के लिए किया आग्रह

नई दिल्ली, 07 अगस्त (हि.स.)। पंजाब से राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने बुधवार को राज्यसभा में ननकाना साहिब कॉरिडोर का मुद्दा उठाया। चड्ढा ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि केंद्र सरकार करतारपुर कॉरिडोर की तरह ननकाना साहिब कॉरिडोर के लिए भी एक सुरक्षित कॉरिडोर बनाने के लिए पाकिस्तान सरकार से बात करे।

चड्ढा ने राज्यसभा में केंद्र सरकार से ननकाना साहिब के लिए एक कॉरिडोर बनाने का आग्रह करते हुए कहा कि यह मामला करोड़ों पंजाबियों की आस्था से जुड़ा है। वह बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें इस सदन में पंजाब का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला है। पंजाब एक ऐसा राज्य है, जिसकी भूमि गुरु साहिबान की कृपा से पवित्र है। 1947 में जब देश का बंटवारा हुआ, तब न सिर्फ देश दो हिस्सों में बंट गया, बल्कि पंजाब भी दो हिस्सों में बंट गया। एक पंजाब पाकिस्तान में रहा और दूसरा भारत में शामिल हो गया।

उन्हाेंने आगे कहा कि आज करतारपुर साहिब, पंजा साहिब और ननकाना साहिब जैसे कई ऐसे गुरुद्वारा हैं जो पाकिस्तान में स्थित हैं। इनमें से ननकाना साहिब सबसे पवित्र स्थान है जहां गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था, जो लाहौर से लगभग 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

उन्हाेंने कहा कि आज मैं इस सदन के सामने एक मांग लेकर आया हूं। संगत ननकाना साहिब के दर्शन के लिए प्रार्थना करती है, उसी संदर्भ में मैं आज सदन के माध्यम से सरकार के समक्ष तीन छोटी-छोटी मांगें रखना चाहता हूं।

चड्ढा ने कहा कि मेरी पहली मांग यह है कि जिस तरह करतारपुर साहिब कॉरिडोर बनाकर संगत को दर्शन करने का मौका मिला और मत्था टेकने की व्यवस्था की गई, उसी तरह ननकाना साहिब कॉरिडोर पर भी काम किया जाए। भारत और पाकिस्तान की सरकारों को संयुक्त रूप से एक कॉरिडोर बनाना चाहिए ताकि भारत से श्रद्धालु ननकाना साहिब जा सकें। दूसरी मांग यह है कि ननकाना साहिब की यात्रा के लिए वीजा, पासपोर्ट, शुल्क या किसी जटिल फॉर्म की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसके लिए एक सरल प्रक्रिया होनी चाहिए।

उन्हाेंने अपनी तीसरी मांग रखते हुए कहा कि अमृतसर के वाघा-अटारी बॉर्डर से ननकाना साहिब के बीच की दूरी 104 किलोमीटर है, यह दूरी कार या बस से ढाई घंटे में आसानी से तय की जा सकती है। मैं इस सड़क को सुरक्षित मार्ग बनाने की मांग करता हूं। दोनों देशों की सरकारों को मिलकर अमृतसर से ननकाना साहिब होते हुए लाहौर जाने वाले मार्ग को सुरक्षित मार्ग बनाना चाहिए ताकि श्रद्धालु वहां जाकर खुले दर्शन कर सकें।

हिन्दुस्थान समाचार

हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी / रामानुज

   

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