(अपडेट) मप्र में दो साल में हुआ अकल्पनीय विकास, नक्सल मुक्त हुआ राज्य : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

- 42 दिन में 42 नक्सलवादियों ने किया सरेंडर, प्रदेश का बदला औद्योगिक परिदृश्यः मुख्यमंत्री

भोपाल, 12 दिसंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश में हुए विकास कार्यां की जनता साक्षी है। मात्र दो वर्ष के अल्प कार्यकाल में राज्य सरकार ने प्रदेश के विकास का परिदृश्य बदल दिया है। इन दो सालों में प्रदेश में हुआ विकास अद्भुत है, अकल्पनीय है। दो साल में ही मध्य प्रदेश दशकों से चली आ रही नक्सलवाद की समस्या से पूरी तरह मुक्त हो गया है। इससे प्रदेश के विकास की एक बड़ी बाधा दूर हो गई है। नक्सलवादियों के एमएमसी जोन (महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़) 42 दिन में 42 नक्सलवादियों ने समर्पण कर विकास की धारा से जुड़कर जीवन को चुना है। उन्होंने कहा कि लाल सलाम के खात्मे के लिए हमारे बहादुर पुलिस अधिकारियों ने जो प्रतिबद्धता दिखाई है, वह नि:संदेह अद्भुत है। उन्होंने स्वयं नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ड्यूटी मांगी और अपना टारगेट तय कर उसे अचीव भी किया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में विकास और सेवा के दो साल (सरकार की उपलब्धियां) पर केन्द्रित पत्रकार वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने सभी क्षेत्रों में कार्य करने का प्रयास किया। सभी विभागों के दो साल के कार्यों की समीक्षा और आगामी 3 साल के टारगेट पर चर्चा की गई है। सभी मंत्रियों ने अपने विभाग के प्रेजेंटेशन दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विकास और सेवा का संकल्प लिए हम आगे बढ़ रहे हैं। दुनिया में वर्तमान वैश्विक परिस्थितियां और अवसर भी हमारे लिए अनुकूल होते जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में राष्ट्रीय नदी जोड़ो परियोजना का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। केन-बेतवा, पीकेसी के बाद ताप्ती मेगा ग्राउण्ड वाटर रिचार्ज परियोजना की ओर हम तेजी से बढ़ रहे हैं। केन-बेतवा परियोजना के अंतर्गत ही मंदाकिनी-चित्रकूट के नाम पर उप परियोजना का नया प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। इससे चित्रकूट धाम के आसपास भी पर्याप्त जल उपलब्ध होगा, साथ ही बिजली उत्पादन भी होगा। नदी जोड़ो परियोजना के अंतर्गत सरकार अगले पांच साल में 100 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि रकबे को सिंचित करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में 1988-90 से नक्सलियों की गतिविधियों की शुरुआत हुई थी। कभी ऐसी भी स्थिति रही कि राज्य में पुलिस की बसों को आग के हवाले कर दिया गया। उन्हीं के एक मंत्री की नक्सलियों ने हत्या कर दी। जबकि केंद्र और राज्य में कांग्रेस की सरकार थी। आज हमें गर्व है कि केंद्र सरकार के मार्गदर्शन में तय की गई डेडलाइन के अंदर ही राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश की भूमि से नक्सलियों को पूरी तरह से खत्म कर दिया है। मध्य प्रदेश 35 साल बाद नक्सल मुक्त हुआ। इस अभियान में कुछ जवानों को शहादत भी हुई। पिछले साल प्रमोशन मिलने के बाद इंस्पेक्टर आशीष शर्मा शहीद हुए। कल दो नक्सलियों के सरेंडर के साथ मध्य प्रदेश में नक्सलियों की संख्या शून्य हो गई है। राज्य सरकार ने नक्सलियों के पुनर्वास के लिए योजना बनाई। पिछले 42 दिन में 42 सरेंडर हुए और 10 नक्सलियों को ढेर किया गया है। हम ऐसा तंत्र विकसित करेंगे, जिससे दोबारा नक्सलवादी मूवमेंट स्थापित न हो पाए। राज्य सरकार ने सभी पड़ोसी राज्यों के साथ आवश्यक समन्वय किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना के माध्यम से प्रदेश में जल संरक्षण का बड़ा अभियान शुरू हुआ है। पार्वती-कालीसिंध और चंबल परियोजना के समझौते के बाद अब मध्यप्रदेश और राजस्थान को पर्याप्त जल मिल रहा है। महाराष्ट्र सरकार के साथ मिलकर ताप्ती वॉटर रीचार्ज परियोजना पर भी कार्य हो रहा है। एक लाख करोड़ की पीकेसी परियोजना में 90 हजार करोड़ भारत सरकार दे रही है। इसी प्रकार ताप्ती परियोजना के लिए भी 70 हजार करोड़ केंद्र सरकार दे रही है। उज्जैन में पहले सिंहस्थ हुए, लेकिन श्रद्धालुओं को गंभीर नदी के जल से स्नान कराया गया। वर्ष 2016 में नर्मदा के जल से स्नान का प्रबंध कराया, लेकिन आगामी 2028 के सिंहस्थ के लिए हमने 800 करोड़ लागत से नई योजना बनाई है। अब श्रद्धालु क्षिप्रा के जल से स्नान करेंगे। राज्य के अंदर पहली बार दो नदियों- गंभीर और कान्ह को अंडर डक्ट के माध्यम से लिंक किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि पहले भोपाल में जीआईएस नहीं होती थी। भूतो न भविष्यति इसी साल फरवरी में भोपाल में पहली बार ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट (जीआईएस) हुई। रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव के माध्यम से भी निवेश आया है। इसी का परिणाम है कि निवाड़ी जैसे छोटे जिले में इस्पात कारखाना खुल रहा है। झाबुआ में खाद बनाया जा रहा है। नीमच में भारत ही नहीं दुनिया का पंप स्टोरेज बना है, जिसका कार्य दो साल में पूर्ण कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में स्वीकृत 7 पीएम मित्र पार्क में से पहला पार्क का अपने जन्मदिन के अवसर पर मध्य प्रदेश के धार में भूमिपूजन किया है। राज्य सरकार ने इसमें भूमि आवंटन भी कर दिया है। विक्रम उद्योगपुरी में दवा कंपनियों ने इंडस्ट्री लगाकर उत्पादन शुरू कर दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन दो सालों में ही हमने हुकुमचंद मिल के मजदूरों के बकाये का विवाद खत्म कराया। भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को न्याय दिलाते हुए जहरीले कचरे का निष्पादन कराया। इंदौर-उज्जैन, भोपाल-नर्मदापुरम को मेट्रोपोलिटन एरिया बनाने की योजना बनाई गई। हमारे औद्योगिक केंद्र मेट्रोपोलिटन एरिया के विकास के मुख्य आधार बनेंगे। हम प्रदेश में नई एविएशन पॉलिसी लेकर आए हैं। इसके तहत प्रदेश में पहली बार इंटर स्टेट और इंट्रा स्टेट एयर सर्विसेज शुरू की गई हैं। रीवा से इंदौर और दिल्ली के लिए हवाई सेवा उपलब्ध हो गई है। प्रदेश में पर्यटन सुविधाओं का विकास तेजी से जारी है। चित्रकूट धाम और ओरछा धाम के विकास कार्य जारी हैं। हमने एक बगिया मां के नाम और गंगोत्री योजना शुरू की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सबसे सस्ती बिजली मध्यप्रदेश दे रहा है। ओंकारेश्वर, नीमच में सोलर प्लांट स्थापित किए गए हैं। मुरैना में स्थापित हो रहा सोलर प्लांट मध्यप्रदेश के साथ-साथ उत्तरप्रदेश को भी बिजली उपलब्ध कराएगा। मुख्यमंत्री ने इस दौरान प्रदेश सरकार की दो साल की उपलब्धियां मीडिया से समक्ष रखी। उन्होंने जनसम्पर्क विभाग द्वारा प्रकाशित विकास और सेवा के दो वर्ष- विभागवार उपलब्धियां, जिलों की विकास गाथा, जिलों की सफलता की कहानियां और नई राहें-नए अवसर (सरकार की सभी योजनाओं की जानकारी) का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री ने मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का बड़ी ही कुशलतापूर्वक जवाब देकर सरकार की उपलब्धियों की जानकारी दी।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर

   

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